सामान्य ज्ञान
किंगडाओ जियाओझोउ बे पुल , दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल है, जो 36.48 किलोमीटर लंबा है। यह पुल पूर्वी चीन के हैंगज़ोउ खाड़ी के मुहाने से शुरु होता है और देश की व्यावसायिक राजधानी शंघाई और समुद्री तट पर बसे निंगबो को जोड़ता है। इस पुल पर 8 रास्ते हैं।
किंगडाओ जियाओझोउ बे पुल पर गुरूवार 30 जून 2011 को यातायात शुरू हो गया। विश्व का सबसे लंबा यह समुद्री पुल चीन के शांगडांग प्रांत के किंगडाओ शहर में स्थित जियाओझोउ खाड़ी में बना है। जियाओझोउ बे पुल को बनाने में चार वर्ष लगे और इसकी अनुमानित लागत करीब 14.8 अरब युआन (2.3 अरब डॉलर / 6,800 करोड़ रुपयों) आई। इस पुल का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था। इस पुल के निर्माण से पहले समुद्र पर बने सबसे लंबे पुल की लंबाई 36 किलोमीटर थी।
जियाओझोउ बे पुल समुद्र के अंदर पांच हजार विशाल खंभों पर खड़ा है। इस पुल का डिजाईन 8 रिक्टर स्केल पर आए भूकंप को भी आराम से सहन कर सकता है। यह एक साथ वाहनों का तीस लाख टन भार एक बार में ही वहन कर सकता है। यह पुल बीजिंग के शहरी इलाके किंगडाओ शहर को हुआंगडाओ जिले से जोड़ता है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ का कहना है कि इस पुल के बन जाने से दोनों शहरों के बीच की दूरी 120 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इसके निर्माण के लिए चीन में परंपरा से हटकर एक निजी कंपनी को कुल लागत का एक तिहाई हिस्सा निवेश करने की अनुमति दी गई है। परियोजना निदेशकों का कहना है कि शुरुआत में इस पुल पर यातायात नियंत्रित होगी। उनका कहना है कि फि़लहाल भारी मालवाहक गाडिय़ों और ख़तरनाक रसायनों से लदी गाडिय़ों को पुल पर से जाने की अनुमति नहीं होगी।
इस क्षेत्र में यातायात की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए इस पुल का निर्माण किया गया है। अधिकारी बताते हैं कि शंघाई से निंगबो शहर तक जाने लिए अब लोगों को चार की जगह सिफऱ् डेढ़ घंटे लगेंगे। चीनी अधिकारियों का दावा है कि यह समुद्र पर बना दुनिया का सबसे लंबा पुल है। वैसे अमरीकी राज्य लुजिय़ाना में पॉन्टकार्टेन झील पर बना पुल इस पुल से दो किलोमीटर लंबा है।