सामान्य ज्ञान
अलीबाबा नाम कहानियों से निकलकर चीन की एक ऐसी कंपनी के रूप में स्थापित हो चुका है जो अमेजऩ और ईबे से अधिक सामान बेचता है। अमेजऩ और ईबे की बिक्री को मिला दें तो भी अलीबाबा इन पर भारी पड़ता है और इसके पीछे दिमाग है अलीबाबा के मालिक जैक मा का।ा
करीब पंद्रह साल पहले जैक मा ने अपने 17 दोस्तों के साथ अलीबाबा की शुरुआत की थी। आज ये इंटरनेट कंपनी ज़बरदस्त फ़ायदे में है और दुनिया के ई-कॉमर्स बाज़ार की अगुआ है। जैक मा की प्रगति चीन के मध्यम वर्ग की प्रगति से जोडक़र देखी जा सकता है जो पिछले 15 साल में तेज़ी से बदला है । आज चीन दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन बाज़ार है जहां साठ करोड़ इंटरनेट उपभोक्ता हैं । इनमें से आधे ऑनलाइन पर शॉपिंग करते हैं।
चीन दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाज़ार भी है। चीन में विदेशी कंपनियों को काम नहीं करने दिया गया जिसका फायदा अलीबाबा के साथ साथ बाइदू और टेनसेंट जैसी कंपनियों को हुआ लेकिन अलीबाबा ने बीते पंद्रह सालों में कुछ ख़ास किया है। चीन का गूगल या चीन का अमेजऩ बनने के साथ ही जैक मा ने अपनी कंपनी के ज़रिए वो टूल्स बनाए जिससे चीन के लोग सुरक्षित और सस्ती खरीदारी कर सकें। जैक मा को पता था कि चीन में उपभोक्ता और उत्पादक एक दूसरे पर भरोसा नहीं करते. उन्होंने दोनों को सुरक्षा दी पेमेंट सिस्टम में।
दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ने स्नैपडील में स्ट्रैटेजिक पार्टनर के तौर पर शामिल होने के लिए फिर बातचीत शुरू कर दी है। इस डिवेलपमेंट की जानकारी रखने वाले कुछ लोगों ने बताया कि अलीबाबा की अगुवाई में इन्वेस्टर्स का एक नया ग्रुप भारतीय ऑनलाइन रिटेलर के साथ अंतिम दौर की बातचीत कर रहा है।
अलीबाबा के साथ इस इन्वेस्टमेंट में ताइवान का फॉक्सकॉन टेक्नॉलॉजी ग्रुप भी शामिल होगा, जो एक बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर है।