सामान्य ज्ञान
हरी चाय
02-Aug-2022 9:47 AM
हरी चाय या ग्रीन टी अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। हरी चाय की पत्तियों का तेल तैयार किया जाता है। यह उत्तेजक, चक्कर को दूर करने वाला होता है। आमाशय के विकार के लिए यह एक बहुमूल्य औषधि है। कालरा, (हैजा), रोग में उल्टी होने पर इसका सेवन करने से लाभ होता है। इसके तेल से मालिश करने से पुरानी वातवेदना दूर होती है।
विभिन्न भाषाओं में नाम-हिन्दी-गन्धतृण, बृतण, हरी चाय, संस्कृत- भूस्तृण, मराठी- हरीचाय, राजस्थानी- हरी चाय, गुजराती- लीलीचा, बंगला- गंधवेना, गंधतृण, पंजाबी- खावी, तमिल-वसानाप पिल्लु, मलयालम-वसानाप पिल्लु, तेलुगू-निम्मागद्दी, लैटिन- सिम्बोपोगोन सिट््रेटस।