सामान्य ज्ञान
स्तनधारियों के लाल रक्त कण (रेड ब्लड सेल्स-आरबीसी) में केंद्रक नहीं होता है। इसके अपवाद हैं ऊंट एवं लामा। आरबीसी का निर्माण अस्थिमज्जा (बोन मैरो) में होता है। इसका जीवन काल 20 से 120 दिन का होता है। इसकी मृत्यु यकृत में होती है, इसलिए यकृत को आरबीसी का कब्र कहा जाता है। इसमें हीमोग्लोबिन होता है, जिसमें हीम नामक रंजक होता है, जिसके कारण रक्त का रंग लाल होता है। ग्लोबिन लौह युक्त प्रोटीन है, जो ऑक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड से संयोग करने की अपूर्व क्षमता रखता है। हीमोग्लोबिन में पाया जाने वाला लौह यौगिक हीमेटिन है।
आरबीसी का मुख्य कार्य शरीर की हर कोशिका में ऑक्सीजन पहुंचना एवं कार्बन डाइक्साइड को वापस लाना है। हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने पर रक्त क्षीणता रोग हो जाता है। सोते वक्त आरबीसी 5 प्रतिशत कम हो जाता है एवं लोग 4200 मीटर की ऊंचाई पर होते उनके आरबीसी में 30 प्रतिशत वृद्घि हो जाती है।