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88.3 फीसदी पुरुष पत्नी को माहवारी में राहत के लिए नहीं बँटाते
29-May-2024 4:59 PM
88.3 फीसदी पुरुष पत्नी को माहवारी में राहत के लिए नहीं बँटाते

घरेलू कामों में हाथ- ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे

भारत की अग्रिम फेमनिन हाइजीन ब्रांड ऐवरटीन ने 9वें वार्षिक ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे के परिणाम जारी किए हैं। इस सर्वे में 18 से 35 वर्ष के 7800 से अधिक लोगों की प्रतिक्रियाएं शामिल की गईं। इन लोगों में तकरीबन 1000 पुरुष थे जिनमें ज्यादातर स्नातक या उससे से ज्यादा शिक्षित थे।

 ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे 2024 में भाग लेने वाले 60.2 प्रतिशत पुरुषों ने बताया कि वे अपनी पार्टनर से पीरियड्स के बारे में बहुत खुल कर बात करते हैं। यद्यपि, आधे से अधिक (52.2 प्रतिशत) पुरुषों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अब तक कि जिंदगी में अपनी पार्टनर के लिए कभी मेंस्ट्रुअल प्रोडक्ट नहीं खरीदा। केवल 11.7 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि जब उनकी पत्नी को माहवारी होती है तो वे उसके बोझ को कम करने के लिए घरेलू कामों की अतिरिक्त  जिम्मेदारी उठाते हैं।

मासिक धर्म के दौरान अपनी पार्टनर के अनुभव को बेहतर ढंग से समझने की बात करें तो 77.7 प्रतिशत पुरुषों का कहना था उन्होंने इस विषय पर स्वयं को शिक्षित करने के लिए कोई रिसर्च नहीं की या फिर बेहद कम रिसर्च की।

 69.8 प्रतिशत पुरुष महसूस करते हैं कि मासिक धर्म को लेकर समाज में जो संकोच है, जो हिचक है उसके चलते उनके लिए यह मुश्किल हो जाता है कि वे इस विषय पर अपनी पार्टनर से बात करें। 65.3 पुरुषों ने इस बात पर सहमति जताई की मासिक धर्म के बारे में पुरुषों को शिक्षित किया जाना चाहिए।

 मेंस्ट्रुएशन को लेकर हुए इस सर्वे में पुरुषों को शामिल किया जाना पहला कदम था और इससे धारणाओं में कुछ परिवर्तन में मदद मिली है क्योंकि 41.3 प्रतिशत पुरुषों ने वादा किया इस सर्वे में शामिल होने के बाद वे मासिक धर्म के बारे में स्वयं को शिक्षित करेंगे। जबकि 27.7 प्रतिशत ने कहा कि वे अपनी पार्टनर की जरूरतों को सुनेंगे और पीरियड्स के दौरान उन्हें सहयोग देंगे। 21.2 प्रतिशत पुरुषों ने कहा कि वे अपनी पार्टनर से इस विषय पर ज्यादा खुलकर बात करेंगे।

 पैन हैल्थकेयर के सीईओ चिराग पैन इस सर्वे पर कहते हैं, यदि हम पीरियड-फ्रैंडली दुनिया के सपने को हकीकत बनाना चाहते हैं पुरुषों को भी इसमें स्पष्ट रूप से भागीदारी निभानी होगी। अगर दुनिया की आधी आबादी मासिक धर्म के विषय पर बेपरवाह या अशिक्षित बनी रहेगी तो माहवारी के अनुकूल दुनिया बनाने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकेगा। भारतीय समाज की वर्जनाएं पुरुषों के लिए इसे कठिन बना देती हैं कि वे मासिक धर्म को एक सामान्य घटना तौर पर स्वीकार कर सकें। हमने इस साल अपने ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे में पुरुषों की भागीदारी शामिल कर के एक विनम्र कोशिश की है और इस विषय पर उनसे संवाद आरंभ किया है। मुझे यह देख कर खुशी हुई है कि इतने सारे पुरुष सहभागियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव हुआ है और उन्होंने पीरियड्स के दौरान अपनी महिला पार्टनरों को अतिरिक्त सहयोग देने का वादा किया है।

 ऐवरटीन की निर्माता कंपनी वैट् एंड ड्राई पर्सनल केयर के सीईओ श्री हरिओम त्यागी ने कहा, ’’हमारे ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे में शामिल महिलाओं ने भी इस पर जोर दिया कि मासिक धर्म के विषय पर पुरुषों के बीच ज्यादा जागरुकता जगाने की जरूरत है। तकरीबन 90 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि अपने पिता या भाई से पीरियड्स के बारे में बात करने में वे सहज महसूस नहीं करतीं, जबकि हर चार में से तीन महिलाओं (77.4 प्रतिशत) को अपने पति के साथ भी इस पर बात करना असहज करता है। केवल 8.4 प्रतिशत महिलाएं ऐसी थीं जो कार्यस्थल पर अपने पुरुष सहकर्मियों के साथ मासिक धर्म संबंधी मुद्दों पर बात करने में सहज थीं।

 ऐवरटीन मेंस्ट्रुअल हाइजीन सर्वे में यह भी सामने आया कि 7.1 प्रतिशत महिलाएं अब भी अपने परिवार में पीरियड्स को लेकर किसी से बात नहीं करतीं। 56.8 प्रतिशत महिलाएं किराने या दवा की दुकान से सैनिटरी नैपकीन खरीदने में अब भी झिझकती हैं, खासकर तब जब वहां कोई ग्राहक मौजूद हो। 51.8 प्रतिशत महिलाएं पीरियड के पहले दो दिनों में ठीक से सो नहीं पातीं, जबकि 79.6 प्रतिशत महिलाएं रात को नींद में दाग लगने को लेकर चिंतित रहती हैं। 64.7 प्रतिशत महिलाओं ने मध्यम से लेकर गंभीर मेंस्ट्रुअल क्रैम्प अनुभव किए हैं। 53.1 प्रतिशत महिलाएं पीरियड्स के दौरान बाहर जाने से परहेज करती हैं। चार में से एक महिला (25.8 प्रतिशत) को नहीं मालूम था कि श्वेत स्त्राव होने पर क्या किया जाए और सिर्फ 32.8 प्रतिशत महिलाओं ने इस मुद्दे पर डॉक्टर से सलाह की।

 87.1 प्रतिशत महिलाओं की राय थी कि माहवारी की छुट्टियां देने की बजाय कंपनियों को मेंस्ट्रुअल फ्रैंडली कार्यस्थल तैयार करने पर ध्यान देना चाहिए। 91.1 प्रतिशत महिलाओं का मानना था कि जो कंपनियां इस कॉन्सेप्ट को बढ़ावा देंगी वे ज्यादा महिलाओं को अपनी कंपनी जॉइन करने के लिए आकर्षित करेंगी।

 हर साल ऐवरटीन भारत में महिलाओं से बड़े पैमाने पर जुडऩे का अभियान चलाता है और उन्हें प्रोत्साहित करता है कि वे खुल कर मेंस्ट्रुएशन के मुद्दे पर अपनी बात रखें। फेमनिन इंटीमेट हाइजीन हेतु संपूर्ण उत्पादों की रेंज बनाने वाले अग्रगामी ब्रांड ऐवरटीन ने प्तस्नद्ब&ङ्घशह्वह्म्क्कद्गह्म्द्बशस्रह्य, प्तस्द्धद्गहृद्गद्गस्रह्यक्कड्डस्र और प्तक्कड्डस्र॥द्गह्म्रुद्बद्घद्ग जैसी कैम्पेन के जरिए जनाना एवं मेंस्ट्रुअल हाइजीन पर निरंतर जागरुकता का प्रसार किया है। आज, ब्रांड ऐवरटीन महिलाओं के लिए 35 भिन्न हाइजीन और वैलनेस उत्पाद प्रस्तुत करता है जिनमें पीरियड केयर सैनिटरी पैड, रिलैक्स नाइट्स अल्ट्रा ओवरनाईट सैनिटरी पैड, सिलिकॉन मेंस्ट्रुअल कप, मेंस्ट्रुअल कप क्लीन्जर, टैम्पून, पैन्टी लाइनर, बिकिनी लाइन हेयर रिमूवर क्रीम, पीएच बैलेंस्ड इंटीमेट वॉश, टॉयलेट सीट सैनिटाइजर, फेमनिन सिरम, जैल आदि बहुत कुछ शामिल हैं।

 वैट् एंड ड्राई पर्सनल केयर के बारे में

वर्ष 2013 में स्थापित वैट् एंड ड्राई पर्सनल केयर प्राइवेट लिमिटेड पैन हैल्थ (डब्ल्यू एंड डी) की पहल है जो हैल्थ, हाइजीन व पर्सनल केयर उत्पाद पेश करती है। नई दिल्ली मुख्यालय वाली डब्ल्यू एंड डी चार ब्रांडों की स्वामी है जो हैं- ऐवरटीन (फेमनिन हाइजीन), न्यूड (प्रीमियम पर्सनल केयर प्रोडक्ट), नेचर श्योर (नैचुरल वैलनेस प्रोडक्ट) और मैनश्योर (पुरुषों के लिए प्रीमियम हैल्थ प्रोडक्ट)।

अमेजन, फ्लिपकार्ट, नायका, पर्पल, मिंत्रा, जियोमार्ट, मीशो आदि ऑनलाइन मार्केटप्लेसिस पर ये उत्पाद खूब बिकते हैं। भारत में बिक्री के अलावा हमारे उत्पाद दुनिया भर के ग्राहकों तक पहुंचाए जाते हैं जिनमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, फिजी, फ्रांस, फिनलैंड, घाना, हांग कांग, आयरलैंड, कीनिया, मलेशिया, नामिबिया, नाइजीरिया, ओमान, कतर, सउदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, श्री लंका, स्विटजरलैंड, यूएस, यूके, युगांडा, वियतनाम आदि देश शामिल हैं। आप हमारे आधिकारिक ब्रांड स्टोर #Fi&YourPeriods, #SheNeedsPad से ऑनलाइन भी उत्पाद खरीद सकते हैं।

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