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किएर स्टार्मर कौन हैं, जो बनेंगे ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री
05-Jul-2024 11:55 AM
किएर स्टार्मर कौन हैं, जो बनेंगे ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री

ब्रिटेन के चुनाव में लेबर पार्टी ने किएर स्टार्मर के नेतृत्व में बड़ी जीत दर्ज की है.

14 साल बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी हो रही है और वो भी ऐतिहासिक जीत के साथ.

लेबर पार्टी अब तक 409 सीटें जीत चुकी है और ऋषि सुनक के नेतृत्व में कंज़र्वेटिव पार्टी अभी 113 सीटें ही जीत सकी है. ब्रिटेन में 650 सीटों में से सरकार बनाने के लिए 326 सीटों का आँकड़ा पार करना होता है. यानी लेबर पार्टी को बहुमत मिल गया है.

एग्ज़िग पोल की मानें तो लेबर पार्टी 410 सीटें जीत सकती है और कंज़र्वेटिव पार्टी 131 सीटों पर सिमट सकती है.

ऐसे में ये कंजर्वेटिव पार्टी की अब तक की सबसे बड़ी हार होगी.

लेबर पार्टी 2010 के बाद सत्ता में पहुँच रही है. अगर लेबर पार्टी 410 सीटें जीती तो ये साल 1997 में टोनी ब्लेयर के बाद लेबर पार्टी की सबसे बड़ी जीत होगी.

लेकिन लेबर पार्टी को इस ऐतिहासिक जीत तक ले जाने वाले किएर स्टार्मर कौन हैं.

क़ानून की पढ़ाई और अफ़्रीका में काम

किएर स्टार्मर का संसदीय क्षेत्र साल 2015 से हॉबर्न और सेंट पैनक्रास है. स्टार्मर ख़ुद को "वर्किंग क्लास की पृष्ठभूमि" से बताते हैं.

उनके पिता एक टूलमेकर थे और उनकी माँ एक नर्स के रूप में काम करती थीं.

उनकी माँ को स्टिल्स रोग था जो एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है.

उन्होंने रीगेट ग्रामर स्कूल में पढ़ाई की है. उनके दाखिला लेने के दो साल बाद ये एक निजी स्कूल बन गया था.

16 साल की उम्र तक उनकी फीस स्थानीय परिषद भरता था. स्कूल के बाद यूनिवर्सिटी जाने वाले वह अपने परिवार के पहले सदस्य बने और लीड्स यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. बाद में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में क़ानून की पढ़ाई की.

1987 में वो बैरिस्टर बने और मानवाधिकार क़ानून में उनकी विशेषज्ञता है. अपने काम के सिलसिले में वो कैरिबिया और अफ्रीका में रहे, जहाँ उन्होंने मौत की सज़ा का सामना कर रहे क़ैदियों का केस लड़ा.

90 के दशक के अंत में उन्होंने तथाकथित मैक्लिबेल कार्यकर्ताओं का केस फ्री में लड़ा.

मैकडॉनल्ड्स कॉर्पोरेशन बनाम स्टील एंड मॉरिस 1997 केस को "मैक्लिबेल केस" के रूप में जाना जाता है.

इसमें मैकडॉनल्ड्स कॉर्पोरेशन ने कंपनी की आलोचना करने वाले पर्यावरण कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ मानहानि का केस किया था. इन कार्यकर्ताओं ने एक पर्चा बाँटा था, जिसमें मैकडॉनल्ड कंपनी के पर्यावरण के दावों पर सवाल उठाए गए थे.

साल 2008 में किएर डॉयरेक्टर ऑफ़ पब्लिक प्रॉसिक्यूशन चुने गए. जो इंग्लैंड और वेल्स में सबसे वरिष्ठ क्रिमिनल प्रॉसिक्यूटर का पद है.

राजनीति में कब आए

साल 2015 में वो उत्तरी लंदन में हॉबर्न और सेंट पैनक्रास से सांसद बने.

उन्होंने पूर्व लेबर नेता जर्मी कॉर्बिन की फ्रंटबेंच टीम में उनके ब्रेग्ज़िट सचिव के रूप में काम किया जहाँ उन्होंने दूसरे ब्रेग्ज़िट चुनाव पर विचार किए जाने की बात कही थी. ब्रेग्ज़िट यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन को अलग करने की प्रक्रिया थी.

साल 2019 के आम चुनाव में पार्टी की भारी हार के बाद सर किएर स्टार्मर ने लेबर नेता पद का चुनाव लड़ा और 2020 में पार्टी के नेता बने. जीत के बाद अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि वो लेबर को "विश्वास और आशा के साथ एक नए युग में ले जाएंगे."

किएर स्टार्मर के चुनावी वादे क्या हैं?

  • स्वास्थ्य सेवा: ब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवा एनएचएस में मरीज़ों के लिए वेटिंग लिस्ट कम करना. हर सप्ताह एनएचएस को 40,000 से अधिक नियुक्तियाँ मिलेंगी. इसकी फंडिंग टैक्स की चोरी से निपट कर और टैक्स 'खामियों' को ख़त्म करके किया जाएगा.
  • अवैध प्रवासी: बॉर्डर सिक्योरिटी कमांड लॉन्च किए जाएंगे ताकि छोटी और ख़तरनाक नावों से मानव तस्करी पर लगाम लगाई जाए.
  • आवास: 15 लाख नए घर बनाए जाएंगे और पहली बार घर ख़रीदने वालों को "पहला अधिकार" देने की योजना शुरू करेंगे.
  • शिक्षा: 6500 शिक्षकों की भर्ती होगी और इसका खर्च निजी स्कूलों को जो टैक्स ब्रेक मिल रहा है उसे रोक कर किया जाएगा.

लेबर पार्टी का हाल क्या था

साल 2023 से जितने पोल हो रहे थे, उसमें लेबर पार्टी कंज़र्वेटिव से 20 फ़ीसदी आगे दिख रही थी.

किएर के नेतृत्व के शुरुआती सालों में उन्हें पार्टी की लोकप्रियता बढ़ाने में काफ़ी दिक्क़त आई.

साल 2021 के उपचुनाव में लेबर की हार के बाद उनका फोकस था कि वो रेड वॉल को दोबारा जीतें. रेड वॉल मतलब उत्तर इंग्लैंड और मिडलैंड की वो सीटें जो अतीत में लेबर की सीट रही थीं.

लेकिन 2019 के चुनाव में उन पर कंज़र्वेटिव पार्टी की जीत हुई थी.

किएर स्टार्मर ने पार्टी की नीतियों पर दोबारा विचार किया और उन्हें यूनिवर्सिटी में ट्यूशन फीस ख़त्म करने और पानी-बिजली कंपनियों का राष्ट्रीयकरण का वादा छोड़ना पड़ा.

2019 के चुनाव में लेबर के पास पास 205 सांसद थे. बहुमत हासिल करने के लिए उसे 326 सीटें जीतनी होती है. (bbc.com)

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