सामान्य ज्ञान
वैतरणी
27-Jun-2020 12:09 PM
पुराणों के अनुसार नरकलोक की नदी है-वैतरणी। गरुड़पुराण लिखता है- यह सौ योजन चौड़ी है। इसका जल अत्यंत गर्म है। इसमें रक्त, पीप, मांस आदि बहता रहता है, जिसके कारण भयंकर दुर्गंध आती है। पापी प्राणी मरने के बाद प्रेत शरीर धारण करके रोते हुए इस नदी में गिरते हैं तथा भयंकर जीव-जंतु उन्हें डंक मारते और काटते हैं। यमलोक की इस नदी को पार करने के लिए धर्मशास्त्र में कुछ बताए गए हैं। यह भी उल्लेख मिलता है कि सती के वियोग से शिव के नेत्रों में जो अश्रुधारा बही उसी से यह नदी बनी।