सामान्य ज्ञान
ब्रिक्स उभरती राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं के एक संघ का शीर्षक है। इसके घटक राष्ट्र ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका हैं। इन्हीं देशों के अंग्रेज़ी में नाम के पहले अंक्षरों से मिलकर इस समूह का यह नामकरण हुआ है। मूलत:, 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल किए जाने से पहले इसे ब्रिक के नाम से जाना जाता था। रूस को छोडक़र , ब्रिक्स के सभी सदस्य विकासशील या नव औद्योगीकृत देश हैं जिनकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।
संस्था के रूप में ब्रिक्स का उदय उभरती अर्थव्यवस्थाओं के हितों के प्रतिनिधित्व की ललक का नतीजा था। ब्रिक्स के देश विचारधारा में भले ही बहुत अलग हों, उनके हित एक जैसे हैं।ब्रिक्स के पांच देशों में दो सुरक्षा परिषद के वीटोधारी सदस्य हैं तो तीन स्थायी सदस्य बनना चाहते हैं। भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका लोकतांत्रिक देश हैं तो चीन साम्यवादी और रूस में पिछले सालों में अधिनायकवादी ताकतें बढ़ी हैं।
14 और 15 जुलाई 2015 को ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन, छठां ब्रिक्स सम्मेलन है। ब्रिक्स में शामिल सभी पांच देश जी-20 के भी सदस्य हैं और इस ग्रुप में छठें सदस्य के तौर पर पहली बार अर्जेंटीना को आमंत्रित किया गया है। पहले ब्रिक्स समिट का आयोजन रूस के येकाटेरींबर्ग में 16 जून 2009 को किया गया था। इस समिट में शामिल पांच देशों के प्रमुख के तौर पर लूईज इनासियो, लूला दा सिल्वा, दीमित्री मेदवेदेव, मनमोहन सिंह और हू जिंताओं ने शिरकत की थी। 15 अप्रैल 2010 को दूसरा ब्रिक्स सम्मेलन ब्राजील में आयोजित हुआ और इस बार इसमें साउथ अफ्रीका को भी सदस्य देश के तौर पर एंट्री मिली। साउथ अफ्रीका को मिली एंट्री के साथ ही बिक्र संगठन बिक्स के रूप में तब्दील हो गया।
14 अप्रैल 2011 को तीसरे ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन चीन के सान्या में किया गया। इस दौरान दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा की मौजूदगी ने इस सम्मेलन को और खास बनाया। 29 मार्च 2012 को भारत की राजधानी में नई दिल्ली ब्रिक्स सम्मेलन का मेजबान बना। 26 मार्च 2013 को साउथ अफ्रीका के डरबन में पांचवा ब्रिक्स सम्मेलन आयोजित हुआ। 15 और 16 जुलाई को छठें ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा राउसेफ के साथ मुलाकात करेंगे। ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन उत्तर पश्चिम ब्राजील के पांचवे सबसे बड़े शहर फोर्टालेजा में किया जाएगा। छठें ब्रिक्स सम्मेलन में इस बार अर्जेंटीना की राष्ट्रपति क्रिस्टिना फर्नाडेंज डे किर्शनेर, बोलिविया के राष्ट्रपति इवो मोरालेस, चिली के राष्ट्रपति माइकल बैशलेट, कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मैनुअल सैंटोस, इक्वाडोर के राष्ट्रपति राफेल कोरेया, गुआना के राष्ट्रपति डोनाल्उ रामओतार, पैराग्वे के राष्ट्रपति होरासियो कारटेस, पेरु के राष्ट्रपति ओलांटा हुमाला, सूरीनाम के राष्ट्रपति डेसी बाउटेरसी, उरुग्वे के राष्ट्रपति जोस मुजिका और वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस माडारुओ बतौर मेहमान शामिल होंगे।
वल्र्ड बैंक की तर्ज पर ब्रिक्स देशों का एक अलग डेवलपमेंट बैंक हो यह मुद्दा तो इस ब्रिक्स सम्मेलन में अहम होगा ही साथ ही आने वाले समय में अर्जेंटीना, इजिप्ट, ईरान, नाइजीरिया और सीरिया जैसे देशों को भी इसका सदस्य बनाया जाए, यह मुद्दा भी इस सम्?ेलन में समान रूप से चर्चा में रहेगा।