सामान्य ज्ञान
केरल के अलेप्पी को पूरब का वेनिस कहा जाता है। यहां की नहरों और पाम के पेड़ों के बीच स्थित सुन्दर जलभराव और हरियाली रोमांच पैदा करती हैं। केरल के प्रथम योजनाबद्द तरीके से निर्मित शहरों में से एक अलेप्पी में जलमार्ग के कई गलियारे हैं, जो यातायात के साधन भी हैं।
जलभराव के कारण अलेप्पी प्रति वर्ष नौकायन रेस की नेहरू ट्रॉफी का आयोजन करता है। ऐसा माना जाता है कि विजेता को ट्रॉफी देने की परम्परा की शुरुआत पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी, जो यह शहर घूमने के लिए आए थे। अपने नौकाविहार के अनुभव से प्रसन्न होकर उन्होंने नौका दौड़ में प्रथम आने वाले दल के परिश्रम और कला को सम्मानित करने का फैसला किया। यह प्रतियोगिता अब 60 वर्ष पुरानी हो गई है ।
इस शहर में अम्बालापुझा श्रीकृष्ण मन्दिर, मुल्लक्कल राजेश्वरी मन्दिर चेट्टीकुलंगरा भगवती मन्दिर, मन्नारासला श्री नागराज मन्दिर जैसे कई मन्दिर और एडाथुआ चर्च सेन्ट एन्ड्रियू चर्च, सेन्ट सेबेस्टियन चर्च, चम्पाकुलम चर्च जैसे कई चर्च हैं। अलेप्पी का पथिरामन्नल द्वीप कई दुर्लभ किस्म के पक्षियों का घर है। वेम्बनाड झील से घिरा यह द्वीप अलेप्पी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।