सामान्य ज्ञान
अक्षरधाम मंदिर, भगवान स्वामीनारायण को समर्पित एक पारंपरिक मंदिर है , जो भारत की प्राचीन कला, संस्कृति और शिल्पकला की सुंदरता और आध्यात्मिकता की झलक प्रस्तुत करता है। दिल्ली स्थित दुनिया की तीसरा सबसे बड़ा स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर 10 हजार वर्ष पुरानी भारतीय संस्कृति के प्रतीक को बड़ी ही खूबसूरती से पेश करता है। इस मंदिर की खासियत यह भी है कि इसमें स्टील, इस्पात या कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह मंदिर गुलाबी बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर के मिश्रण से बनाया गया है।
बताया जाता है कि हर साल करीब 10 लाख पर्यटक यहां दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर करीब 100 एकड़ भूमि पर फैला है। मंदिर को वास्तु शास्त्र और पंचरात्र शास्त्र की बारीकियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। कुल मिलाकर अक्षरधाम मंदिर भारतीय संस्कृति, वास्तुकला और आध्यात्मिकता के लिए एक सच्चा चित्रण है।
अक्षरधाम मंदिर 8 लाख 6 हजार 342 वर्ग फुट परिसर में फैला है। यह 356 फुट लंबा 316 फुट चौड़ा तथा 141 फुट ऊंचा है। इस मंदिर परिसर को पूरा बनने में 5 साल का समय लगा । मंदिर को 11 हजार कारीगरों ने मिलकर बनाया है जिसमें 3 हजार से ज्यादा स्वयंसेवक भी शामिल थे। इस मंदिर परिसर का उद्घाटन आधिकारिक तौर पर 6 नवम्बर, 2005 को किया गया। पूरा मंदिर परिसर 5 प्रमुख भागों में विभाजित है। मुख्य मंदिर परिसर ठीक बीचों बीच यानी केंद्र में स्थित है। इस 141फीट उच्च संरचना में 234 शानदार नक्काशीदार खंभे, 9 अलंकृत गुंबदों, 20 शिखर , एक भव्य गजेंद्र (पत्थर हाथियों की कुर्सी) 20 हजार मूर्तियां शामिल हैं । साथ ही यहां दिव्य व्यक्तित्व, ऋषियों, भक्तों और संतों की प्रतिमाओं को भी बनाया गया है।