सामान्य ज्ञान
10 अक्टूबर, वर्ष 1999 में लंदन के आकाश में पहली बार मिलेनियम व्हील घूमता नजर आया था। इस दिन लंदन में हजारों की तादात में लोग एक विशालकाय घूमने वाली चकरी को देखने के लिए इक_े हुए। बेहतरीन इंजीनियरिंग का नमूना बन के उभरे इस बड़े से झूले की ऊंचाई करीब 125 मीटर थी जो बिगबेन क्लॉक टावर और सेंट पॉल कैथ्रीडल से भी ऊंचा है। थेम्स नदी के किनारे बने इस जटिल से दिखने वाले पहिए को कई तारों की मदद से खड़ा किया गया है। लंडन आइ कहे जाने वाली इस संरचना के निर्माण में करीब 1700 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया।
इसके ठीक एक महीने पहले भी लंडन आई को खड़ा करने की कोशिशें हुईं थीं जो नाकाम रहीं। नए साल की शुरुआत में इस पर पहले व्यक्ति को बिठाने की योजना बनी, लेकिन तमाम तैयारियों के बाद भी नए मिलेनियम की शुरुआत को यादगार बनाने के लिए जब साल 2000 की न्यू इयर ईव पर इसे जनता के लिए खोला गया तब भी थोड़ी तकनीकी समस्या पेश आई थी। आधिकारिक रूप से मिलेनियम व्हील की उम्र पांच साल बताई गई थी। जबकि इसके निर्माण में शामिल प्रोजेक्ट मैनेजर पॉल बैक्सटर मानना था कि यह काफी सालों तक चलेगा।मिसाल के तौर पर पेरिस के आइफल टावर को भी 1889 में केवल एक प्रदर्शनी के लिए बनाया गया था लेकिन वह आज भी खड़ा है।
लंदन में आज भी यह सबसे ऊंची संरचनाओं में शामिल है। लंदन की एक खास पहचान बन चुके साउथ बैंक पर खड़े इस लंडन आई की ऊंचाई आज 135 मीटर के करीब है। इसके उद्घाटन के दिन से हर दिन यहां औसतन 10 हजार से ज्यादा पर्यटक आते हैं। इस पर बैठ एक चक्कर लगाने में करीब 30 मिनट लगते हैं। चलते हुए पहिए के 32 कैप्सूलनुमा कूपों में पर्यटक उछल कर चढ़ और उतर सकते हैं।