सामान्य ज्ञान

मैग्नीशियम
10-Nov-2020 12:51 PM
मैग्नीशियम

एक नए शोध से पता चला है कि भोजन में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा लेकर याददाश्त के साथ ही सीखने की क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है। विज्ञान पत्रिका न्यूरान में इस शोध का ब्योरा दिया गया है।
चीन में पेइचिंग के सिंगहुआ विश्वविद्यालय सेंटर फार लार्निंग ऐंड मेमोरी फार सेंटर के निदेशक प्रोफेसर गुओसोंग लियू के नेतृत्व में चूहों पर याददाश्त संबंधी परीक्षण किया गया। इससे पता चला कि याददाश्त को बढ़ाने के लिए मैग्नीशियम की मात्रा बढ़ाना कारगर उपाय हो सकता है। लेकिन यदि मैग्नीशियम की मात्रा कम होती है तो इससे ज्ञान तंतुओं पर असर पड़ता है और बढ़ती उम्र में याददाश्त तेजी से कम होने लगती है।
प्रोफेसर लियू का कहना है मैग्नीशियम मस्तिष्क सहित शरीर के अनेक ऊतकों के सही ढंग से काम करने के लिए अनिवार्य है। चूंकि परम्परागत तरीकों से मस्तिष्क में मैग्नीशियम का स्तर बढ़ाना मुश्किल है इसलिए प्रोफेसर लियू और उनके साथियों ने मैग्नीशियम एलथ्योनैट्स नाम का एक नया मैग्नीशियम यौगिक तैयार किया। जिसे भोजन में शामिल करके मस्तिष्क में मैग्नीशियम का स्तर बढ़ाया जा सकता है।

स्टॉप लॉस किसे कहते हैं?
स्टॉप लॉस किसी शेयर या सूचकांक का वह मूल्य होता है, जिस पर पहुंचने के बाद सौदे बंद कर दिये जाते हैं।  वित्तीय बाजार में किसी भी खरीदे जाने वाले शेयर के भाव के ऊपर जाने की संभावना भी होती है और नीचे जाने की आशंका भी बनी रहती है। शेयर का भाव यदि नीचे गिरने लगता है तो वह काफी नीचे पहुंच सकता है। इसलिए शेयर खरीदते  करते समय ही इसके स्टॉप लॉस को तय किया जाता है। उदाहरण के लिए  यदि सौ रूपए का शेयर लिया गया है, तो 95 या 90 रूपए आने पर बेच दिया जाए। इससे अधिक नीचे भाव पहुंचने पर भी इसे किस कीमत तक रखना है, या बेचना है; यही स्टॉप लॉस होता है। विशेषज्ञों के अनुसार शेयर खरीदते समय ही स्टॉप लॉस के बारे में तय कर लेना अधिक लाभप्रद रहता है। यह सुविधा ब्रोकर के कंप्यूटर में उपलब्ध होती है। सफ़ल एवं अनुभवी स्टॉक निवेशक रिटर्न का अनुमान और स्टॉप लॉस पर सदा ही गृद्ध-दृष्टि बनाये रखते हैं। स्टॉप लॉस को स्टॉप ऑर्डर भी कहा जाता है।
किसी शेयर के बढ़ते हुए भाव के आंकड़ों की सारणी में जिस स्थान पर शेयर-भाव ट्रेंड लाइन को काट कर नीचे की ओर जाए, वहीं उस शेयर का स्टॉपलॉस होता है। इसी तरह मंदी के सौदों में भाव जहां ट्रेंड लाइन को काटकर ऊपर आ जाए, वहीं उन सौदों का स्टॉपलॉस होता है। जब स्टॉपलॉस को भाव के साथ बढ़ाया या घटाया जाता है, तो उसे ट्रेलिंग स्टॉपलॉस कहते हैं।
 

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