सामान्य ज्ञान
भारत मेंं 24 जनवरी 1950 के दिन संविधान सभा ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद को देश का पहला राष्ट्रपति चुना था। इसी दिन राष्ट्रगान को भी अपनाया गया था।
26 जनवरी 1950 को जब भारत को संविधान के रूप में एक गणतांत्रिक राष्ट्र का दर्जा मिला तो उसी दिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद के रूप में स्वतंत्र भारत को पहला राष्ट्रपति भी मिला। 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान स्वीकार किया गया और 24 जनवरी 1950 को 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर करके इसे अपनाया। इसके बाद जब 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया तो उसके साथ ही संविधान सभा भंग कर दी गई। 1952 में पहले आम चुनाव के बाद पहले संसद का गठन हुआ। तब तक भंग संविधान सभा अस्थाई संसद के रूप में काम करती रही। वर्ष 1952 में डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए चुने गए देश के पहले राष्ट्रपति बने। वर्ष 1957 में उन्हें दोबारा इस पद के लिए चुना गया।
24 जनवरी को ही भारतीय राष्ट्रगान जन गण मन, अधिनायक जय हे को भारत के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया था। मूल रूप से बंगाली में लिखे गए इस गीत की रचना नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी। आबिद अली ने इसका बंगाली से हिंदी में अनुवाद किया था।
वर्साय संधि
वर्साय की संधि प्रथम विश्व युद्घ के अन्त में जर्मनी और गठबन्धन देशों (ब्रिटेन, फ्रान्स, अमेरिका, रूस आदि) के बीच में हुई थी।
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद पराजित जर्मनी ने 28 जून 1919 के दिन वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर किए। इसकी वजह से जर्मनी को अपनी भूमि के एक बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ा, दूसरे राज्यों पर कब्जा करने की पाबंदी लगा दी गई, उनकी सेना का आकार सीमित कर दिया गया और भारी क्षतिपूर्ति थोप दी गई।
वर्साय की संधि को जर्मनी पर जबरदस्ती थोपा गया था। इस कारण एडोल्फ हिटलर और अन्य जर्मन लोग इसे अपमानजनक मानते थे और इस तरह से यह संधि द्वितीय विश्व युद्घ के कारणों में से एक थी।