सामान्य ज्ञान
अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार की स्थापना गांधी स्मारक कुष्ठ फाउंडेशन ने वर्ष 1950 में की थी। इसका उद्देश्य कुष्ठ रोग के प्रति महात्मा गांधी की सेवा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को व्यापक बनाना है। यह पुरस्कार कुष्ठ रोग से पीडि़त लोगों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने में व्यक्तियों और संस्थाओं के सराहनीय योगदान को मान्यता देता है। यह पुरस्कार प्रति दूसरे वर्ष कुष्ठ रोग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने के लिए व्यक्तियों / संस्थाओं को दिया जाता है।
वर्ष 2013 का अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार भारत के डॉ विजयकुमार विनायक डोंगरे (वीवी डोंगरे) और चीन के प्लास्टिक सर्जन प्रो. गुओचेंग झांग को प्रदान किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार उपचार, प्रशिक्षण और अनुसंधान के माध्यम से कुष्ठ रोग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने एवं इस रोग के उन्मूलन के लिए दिया गया है।
एफ्लुएंट सोसाइटी
इस शब्द का प्रयोग समाज के उस वर्ग के लिए किया जाता है, जो अति संपन्न है तथा अपनी तमाम मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उपरांत भी इन लोगों के पास इतनी आय बची रहती है कि ये विभिन्न प्रकार के विलासितापूर्ण उपभोग करने लगते हैं। प्रो. जे. के गालब्रेथ ने इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम पश्चिमी यूरोप और अमरीका के संदर्भ में किया था।