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राष्ट्रीय अभिलेखागार की स्थापना के 125 साल
23-Mar-2021 12:25 PM
राष्ट्रीय अभिलेखागार की स्थापना के 125 साल

दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार, मार्च 2015 में अपनी स्थापना का  125 वां वर्ष मना रहा है।   संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) का उद्देश्य वैज्ञानिक प्रबंधन, प्रशासन और देश भर में अभिलेखों के संरक्षण को प्रोत्साहित करना है।  उपयोगकर्ता अभिलेख प्रबंधन, संरक्षण, रेप्रोग्राफी, कम्प्यूटरीकरण, पुस्तकालय, प्रकाशन, प्रशिक्षण कार्यक्रम, संग्रहालय, प्रदर्शनियों, पुराने रिकॉर्ड, अभिलेखीय अध्ययन के स्कूल,समन्वय, अभिलेखागार और लोगों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। संसाधनों की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई है।
भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में भारत सरकार के अप्रचलित अभिलेखों का भंडारण किया जाता है। इसका प्रयोग अधिकतर प्रशासकों और शोधार्थियों के द्वारा किया जाता है। यह भारत सरकार के पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय से संबद्ध एक कार्यालय है। इसकी शुरुआत कलकत्ता (अब कोलकाता) में मार्च 1891 में इंपीरियल रिकॉर्ड डिपार्टमेंट की स्थापना के साथ हुई थी। 1911 में जब राष्ट्रीय राजधानी को कलकत्ता से बदलकर नई दिल्ली किया गया , उस समय इस अभिलेखागार को भी नई दिल्ली स्थानानांतरित कर दिया गया। अपने वर्तमान भवन में यह सन 1926 में स्थानानांतरित हुआ। यह अभिलेखागार  प्रथमोक्त  नाम से नई दिल्ली के जनपथ और राजपथ के चौक के पास लाल और सफ़ेद पत्थरों के एक भव्य भवन में स्थित है। प्राकृतिक कारकों से अभिलेखों की रक्षा के लिए आधुनिक वैज्ञानिक साधन उपलब्ध कराये गए हैं।
 इस विभाग को सन 1891 में ईस्ट इंडिया कंपनी के समय से इक_े हुए सरकारी अभिलेखों को लेकर रखने का काम सौंपा गया था। उस समय इसके अधिकारी स्पष्ट रूप से यह नहीं जानते थे कि, इसका क्या काम होगा? अभिलेखसमूह अव्यवस्थित अवस्था में पड़ा था। भारत सरकार का ध्यान इस ओर तब गया जब इंग्लैंड और वेल्स के अभिलेखों के संबंध में नियुक्त राजकीय आयोग ने सन 1914 में भारतीय अभिलेखों की अव्यवस्थित अवस्था पर टिप्पणी की। सन 1919 में भारत सरकार ने भारतीय अभिलेखों के संबंध में अपनी सिफारिशें भेजने के लिए एक भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग नियुक्त किया। उस आयोग की सिफारिशों के फलस्वरूप अभिलेखों की अवस्था में धीरे-धीरे सुधार होता गया। आज इसका मुख्य काम, सरकार के स्थायी अभिलेखों को संभालकर रखना तथा प्रशासनिक उपयोग के लिए मांगने पर सरकार के विभिन्न कार्यालयों को उपलब्ध कराना। इसका दूसरा प्रमुख कार्य, सरकार द्वारा निश्चित अवधि तक के अभिलेख, शोधार्थियों को शोधाकार्य के लिए उपलब्ध कराना। शोधार्थी अभिलेखागार के शोधकक्ष (रिसर्च रूम) में बैठकर शोधकार्य करते है।
 यहां के अभिलेखों में विदेशी हित ही सामग्री और पूर्वी चि_ियों का एक संग्रह भी है। इन चि_ियों में अधिकतर चि_ियां फारसी भाषा में हैं। परंतु बहुत सी संस्कृत, अरबी, हिंदी, बांग्ला, उडिय़ा, मराठी, तमिल, तेलुगु, पंजाबी, बर्मी, चीनी, स्यामी और तिब्बती भाषाओं में भी हैं। हाल के वर्षो में इंग्लैंड, फ्रांस, हालैंड, डेनमार्क और अमरीका से भारत के लिए हितकारी सामग्रियों की अणचित्र-प्रति-लिपियां (माइक्रोफि़ल्म कापीज़) 
 

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