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भारत में बन रही है पहली सुपर कार
05-Apr-2021 12:38 PM
भारत में बन रही है पहली सुपर कार

कारों पर एक तरह से कहें तो जर्मनी वालों का एकाधिकार रहा है। लेकिन अब भारत भी ऑटोमोबाइल इंजनियरिंग में उपलब्धियां हासिल कर रहा है। इनमें सुपर कार भी शामिल है। 
भारत की पहली सुपर कार का नाम रखा गया है एम-जीरो। इसका निर्माण मीन मेटल मोटर्स नाम की कंपनी कर रही है। मीन मेटल मोटर्स के संस्थापक और डायरेक्टर सार्थक पॉल के अनुसार इसके लिए 4.0 लीटर एएमजी वी8 बाई टर्बो या 4.8 लीटर एनए वी10  इंजन की खरीद पर बात चल रही है।  
पहली इंडियन सुपरकार एम-जीरो  की अधिकतम गति होगी 320 किलोमीटर प्रति घंटा। जीरो की स्पीड से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकडऩे में इसे 3 सेकंड्स से भी कम समय लगेंगे। पावर आउटपुट की बात करें तो पहली इंडियन सुपरकार एम-जीरो को मीन मेटल मोटर्स की टीम 500 से ज्यादा बीएचपी की पावर से लैस करना चाहती है।  यह एक हाइब्रिड सुपरकार होगी, इसलिए इसमें एक इलेक्ट्रिक मोटर भी होगा। इलेक्ट्रिक मोटर की क्षमता 250 बीएचपी प्रड्यूस करने की होगी। इस तरह से सुपरकार एम-जीरो की कुल क्षमता 750 बीएचपी से ज्यादा की होगी। इसमें कुल 900 एनएम टॉर्क डिवेलप होगा।
हाई स्पीड पर कार को स्थिरता प्रदान करने के लिए इसका एयरोडाइनैमिक्स बहुत ही उम्दा स्तर का होना चाहिए। इसके लिए पहली इंडियन सुपरकार एम-जीरो में क्रॉससहेयर तकनीक का इस्तेमाल किया जाने वाला है। पहली इंडियन सुपरकार एम-जीरो की बॉडी बनाने में स्पेशल अलॉय (मिश्रित धातु) का प्रयोग किया जाएगा।  ऐसा इसके बेहतर एयरोडाइनैमिक्स और ट्रैक पर स्टैबिलिटी के लिए जरूरी है।
लाइट वेट सस्पेंशन सिस्टम के लिए मीन मेटल मोटर्स की टीम हाइड्रो-न्यूमैटिक स्ट्रट्स का इस्तेमाल करने वाली है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका हाइड्रो पार्ट ग्राउंड क्लियरेंस को अजस्ट करेगा जबकि प्रेशर वाला पार्ट गाड़ी के चलते समय स्थिरता प्रदान करेगा। पहली इंडियन सुपरकार एम-जीरो  की सबसे बड़ी खासियत है बिना चाभी की एंट्री। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप मालिक हैं तो आपके सिवा कोई और इस कार को खोल ही नहीं सकता है।  इस सपने को पूरा करने के लिए मीन मेटल मोटर्स की टीम शुरुआती चरण में 7 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाने की कोशिश कर रही है।
एम-जीरो  पर चार देशों की चार टीमें काम कर रहीं हैं। पुर्तगाल और इटली की टीम इसकी बॉडी और स्टाइलिंग पर काम कर रही है जबकि इंग्लैंड की टीम इसके सिमुलेशन और ऐनालिसिस को देख रही है। इसके अलावा बची इंडियन टीम के जिम्मे इंजन, ट्रांसमिशन, एयरोडाइनैमिक्स, वीइकल डाइनैमिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम को देखना है।
 

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