सामान्य ज्ञान

गीतावली
21-Apr-2021 12:22 PM
गीतावली

गीतावली तुलसीदास की एक प्रमुख रचना है इसमें गीतों में राम-कथा कही गई है । राम-कथा सम्बन्धी जो गीत तुलसीदास ने समय-समय पर रचे, वे इस ग्रन्थ में संग्रहित हुए हैं । सम्पूर्ण रचना सात खण्डों में विभक्त है । काण्डों में कथा का विभाजन प्राय: उसी प्रकार हुआ है , जिस प्रकार  रामचरितमानस में हुआ है ,किन्तु न इसमें कथा की कोई प्रस्तावना या भूमिका है और न  मानस की तरह इसमें उत्तरकाण्ड में अध्यात्मविवेचन । बीच-बीच में भी  मानस की तरह आध्यात्मिक विषयों का उपदेश करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है । सम्पूर्ण पदावली राम-कथा तथा रामचरित से सम्बन्धित है । मुद्रित संग्रह में 328 पद हैं ।
गीतावली का एक पूर्ववर्ती रूप भी प्राप्त हुआ है। जो इससे छोटा था। उसका नाम  पदावली रामायण था इसकी केवल एक प्रति प्राप्त हुई है और वह भी अत्यन्त खण्डित है । इसमें सुन्दर और उत्तरकाण्डों के ही कुछ अंश बचे हैं और उत्तरकाण्ड का भी अन्तिम अंश न होने के कारण पुष्पिका नहीं रह गयी है । इस लिए प्रति की ठीक तिथि ज्ञात नहीं है
गीतावली  में कुछ पद   ऐसे भी हैं, जो  सूरसागर  में मिलते हैं । प्राय: यह कहा जाता है कि ये पद उसमें  सूरसागर  से लिए गए  होंगे । सूरदास, तुलसीदास से कुछ ज्येष्ठ थे , इसलिए कुछ आलोचक तो यह भी कहने में नहीं हिचकते कि इन्हें तुलसीदास ने ही  गीतावली में रख लिया होगा और जो इस सीमा तक नहीं जाना चाहते, वे कहते हैं कि तुलसी दास के भक्तों ने उनकी रचना को और पूर्ण बनाने के लिए यह किया होगा किन्तु एक बात इस सम्बन्ध में विचारणीय है । 
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news