धमतरी
कुरुद के इनडोर स्टेडियम में ज्ञान यज्ञ आयोजित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरुद, 29 दिसंबर। कुरुद के इनडोर स्टेडियम में आयोजित रामायण महाभारत एवं श्रीमद्भगवद्गीता पर आधारित ज्ञान यज्ञ के चौथे दिवस योग शक्ति गीता दीदी ने परम शक्ति परमात्मा को निराकार बताते हुए कहा कि वही इस सृष्टि रूपी कल्पवृक्ष का बीज रूप है जो वर्तमान समय प्रजापिता ब्रह्मा के ललाट पर अवतरित होकर एक स्वर्णिम दुनिया की स्थापना का कार्य कर रहा है और बीज रूप परमात्मा ने इस मनुष्य सृष्टि रूपी कल्पवृक्ष का आदि मध्य अंत का ज्ञान सुनाते हुए कहा कि इस कल्पवृक्ष के तना आदि सनातन देवी-देवता धर्म है जो कि 2500 वर्ष तक एक धर्म एक राज्य एक भाषा एक कुल राज्य सत्ता धर्म सत्ता एक के हाथों में होते हुए अद्वैत भाव से चलता है।
उसके पश्चात उस वृक्ष का प्रथम शाखा इब्राहिम के रूप में इस धरा पर अवतरित होते हैं और इस्लाम धर्म की स्थापना होती है फिर दूसरा शाखा गौतम बुद्ध जी आए और बुद्ध धर्म की स्थापना किया तीसरा शाखा के रूप में जीसस क्राइस्ट आए और क्रिश्चियन धर्म की स्थापना किया।
चौथी शाखा के रूप में शंकराचार्य जी आए और सन्यास धर्म की स्थापना किया इस प्रकार द्वापर युग में चार धर्म की स्थापना हुई और फिर गुरु नानक जी आए और सिख धर्म की स्थापना किया।
इस प्रकार यह वृक्ष धीरे-धीरे वृहद रूप लेता गया आज वर्तमान में अनेक धर्म, मठ पंथ हो गया और सभी धर्म अपने आप को बड़ी सिद्ध करने का प्रयास कर रहें हैं। इस प्रकार सभी के बीच युद्ध जैसी स्थिति निर्मित हो गई। ऐसे समय पर पुन: इस सृष्टि के बीज परमात्मा इस धरा पर आकर अपना सत्य परिचय हम सभी आत्माओं को देते हैं और कहते हैं कि बच्चे संसार का पुन: महापरिवर्तन होना है।
स्व. पृथ्वी लाल देवांगन के वार्षिक श्राद्ध के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मोमबत्ती एवम् दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। जिसमें डॉक्टर युएस नवरत्न, डॉ हेमराज देवांगन, डॉ प्रदीप साहू, डॉ राजेंद्र बजाज, डॉक्टर अशोक शर्मा, डॉक्टर नंदनवार, डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल, डॉक्टर राजा देवांगन, डॉ शीला रानी देवांगन, एवं धमतरी नगर सेवा केंद्र की मुख्य प्रशासक सरिता दीदी, सुनिता दीदी एवं समस्त देवांगन परिवार उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन हरीश देवांगन. देवराज ने किया।