बेमेतरा

समय से हो धान उठाव
12-Mar-2022 6:36 PM
समय से हो धान उठाव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 12 मार्च।
कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान की अध्यक्षता में जिले के उपार्जन केन्द्रों में उठाव हेतु शेष 125171 मेट्रिक धान के समयबद्ध उठाव के लिए जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के 20 शाखाओं के शाखा प्रबंधक समस्त खाद्य विभाग एवं सहकारिता विभाग के साथ समीक्षा बैठक की गई।

खाद्य अधिकारी के द्वारा अवगत कराया गया कि उपार्जन केन्द्र में शेष बचे 125171 मेट्रिक धान जिसका पूरा उठाव मिलरों के द्वारा ही कराया जाना है, जिसमें से 33563 मे.टन डी.ओ. में उठाव शेष है। साथ ही 91608 मे.टन का डी.ओ. जारी होने के बाद उठाव होना है।

समिति में जो प्रभारी उपस्थित नहीं रहता, उनकी तत्काल सूचना देकर प्रतिवेदन देंगे। शाखा प्रबंधक की जवाबदारी होगी सभी उपार्जन केंद्र में धान प्रदाय हेतु सभी उपस्थित रहें बिना विशेष कारण उन्हें बैंक न बुलायें। नोडल अधिकारी भी इस बात का ध्यान रखेंगे। सभी प्रत्येक दिवस किसी न किसी उपार्जन केंद्र में जाकर भौतिक सत्यापन करेंगे, फोटो खीचेंगे एवं धान निराकरण समूह में शेयर करेंगे। धान प्रदाय में वजन की परेशानी को दूर करने के लिए नजदीकी धर्मकांटा को चुनते हुए स्वयं या जिम्मेदार आदमी को भेजकर मिलर को प्रदाय करेंगे। वजन में कमी को वहीं पर निराकृत करेंगे। विशेष स्थिति में लिखकर पावती देंगे।

धान प्रदाय के बोरे के बारे में शिकायतें मिलती है।
जिस प्रकार का बारदाना दिया जाता है उसी का रिलीज आर्डर जारी किया जाये, नया का पुराना या पुराना का नया किसी भी स्थिति में न हो पाये। जिन उपार्जन केंद्रो में 400 मे.टन से कम धान बचा है उसका भौतिक सत्यापन कर समिति प्रबंधक को समझाईश देते हुए स्टॉक सही रखेेंगे। 100 मे.टन होने पर भौतिक सत्यापन कर कमी पाये जाने पर प्रकरण बनाकर देंगे। भौतिक सत्यापन में मुख्य आधार बोरो की संख्या एवं प्रकार के बाद वजन रहेगा। शाखा प्रबंधक किसानों के भुगतान एवं पीडीएस दुकानदार के बारदाना भुगतान को शत-प्रतिशत करायेंगे पिछला कुछ भी शेष होगा, उसका निराकरण एक सप्ताह के भीतर करेंगे।

सभी शाखा प्रबंधकों को उनके कार्य क्षेत्र के समितियों के धान उठाव के लिए शेष डी ओ की जानकारी अपने पास रखते हुए उठाव सुनिश्चित करायेंगें। शासन से मान्यता प्राप्त खाद बीज के अतिरिक्त अन्य खाद बीज की बिक्री न हो। खाद बीज की उपलब्धता एवं आवश्यकता पर सत्त समीक्षा करेगें। उपरोक्तानुसार विशेष ध्यान रखें कि उपार्जन केंद्रो की अधिकांश धान का निराकरण अन्य जिलों के मिलरों के माध्यम से किया जाना है, कहीं पर भी धान प्रदाय में विलंब न हो, न ही परेशानी संबंधित बात हमारे तक पहुंचे अन्यथा समिति के साथ-साथ संबंधित जिम्मेदारों पर भी कार्यवाही की जा सकेगी।

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