बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 मार्च। जिला में लोक अदालत में दो हजार से अधिक प्रकरण निपटे, वर्चुअल माध्यम से भी निराकरण हुआ।
राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से निराकृत किए गए हैं।
लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारो की भौतिक तथा वर्चुअल दोनो ही माध्यमो से उनकी उपस्थिति में प्रकरण निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों को निराकृत किये गये है। नेशनल लोक अदालत मे आपसी सुलह समझौता के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों से कुल 80 हजार से अधिक प्रकरणों का निराकरण हो चुके है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जगदीश राम, के खंडपीठ द्वारा 90 दांडिक प्रकरण निपटायें गये एवं उनके न्यायालय में लंबित मारपीट गाली-गलौच के 2 दांडिक प्रकरण का विडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राजीनामा कर निपटाया गया। न्यायाधीश द्वारा आनलाईन वी.सी.के माध्यम से पीडि़ता पुष्पा चौहान से बात करके उनके के द्वारा जेठ यशवंत चौहान और उनके पुत्र विकास चौहान तथा धनंजय चौहान के विरूद्ध दर्ज दांडिक प्रकरण में सुलह समझौता करा कर राजीनामा कर प्रकरण समाप्त किया गया। इसी प्रकरण अन्य मामले में प्रार्थी थारेंद्र वर्मा जो कि रायपुर के अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती है। वह बेमेतरा न्यायालय आने असमर्थ थे, तब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जगदीश राम द्वारा वी.सी के माध्यम से प्रार्थी से बात कर प्रकरण में राजीनामा कर प्रकरण समाप्त किया गया। पूर्व के नेशनल लोक अदालत के भांति इस बार भी कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान के मार्गदर्शन में कुल 1941 राजस्व प्रकरण निराकृत किया गया।
नेशनल लोक अदालत की खण्डपीठों में सुलहकर्ता सदस्यों के रुप में गिरीश शर्मा, सोहन लाल निषाद, दीपक तिवारी, फहीम शरीफ, माधवी राजपूत, राहुल साहू, सनत देवांगन, हिमांशु साहू, लाल बहादुर शर्मा, कोमल मानदेव, दुर्गा साहू, मणिशंकर दीवाकर, पी. राजेश्वरी, केशव नामदेव उपस्थित थे, जिन्होंने पक्षकारों को सुलह-समझौते हेतु समझाइश देकर राजी कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।