धमतरी
धमतरी, 7 अगस्त। जनपद पंचायत मगरलोड में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 में फर्जीवाड़े मामले में चयन समिति के तत्कालीन सदस्य नीलकंठ सिन्हा और शत्रुघन साहू की अग्रिम जमानत याचिका को जिला एवं सत्र न्यायाधीश केएल चरयानी ने खारिज कर दिया। अब तक तत्कालीन सीईओ की ही गिरफ्तारी हुई है, अन्य आरोपी फरार है।
मगरलोड जनपद पंचायत में वर्ष-2007 में हुए शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़े मामले में तत्कालीन सीईओ कमलाकांत तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी प्रशांत ठाकुर ने अन्य आरोपियों को पकडऩे के लिए एएसपी मेघा टेंभुरकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित किया। उन्होंने अपनी जांच शुरू कर दिया है। इस मामले में अन्य सभी आरोपी भूमिगत हो गए है। इस बीच जिला एवं सत्र न्यायालय में चयन समिति के तत्कालीन सदस्य नीलकंठ सिन्हा निवासी भेंडरी तथा शत्रुघन साहू निवासी रांकाडीह (सभापति सहकारिता विभाग) ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। शनिवार को बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने अभियोजन का विरोध करते हुए अग्रिम जमानत देने की दलील दी। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक शाहीन अली हाशमी ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज करने के संबंध में अपना पक्ष रखा। पुलिस की सुरक्षा के साथ अदालत पहुंचे आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण कुमार साहू ने अपना पक्ष रखते हुए न्यायालय को बताया कि चयन कमेटी के सदस्य पद पर रहते हुए अपने ही परिवार के सदस्यों को अपात्र होना जानते हुए अंक लाभ देकर नौकरी दी है।
विकलांग वर्ग से भी स्वस्थ्य अभ्यर्थी को उस वर्ग से नियुक्ति में लाभ पहुंचाया गया है। इससे पूरी भर्ती प्रक्रिया प्रभािवत हुई है।