महासमुन्द
महासमुंद,14 जनवरी। स्वामी विवेकानंद की 160 वीं जयंती पर शिव मंदिर पुजारी पं. राकेश तिवारी के निवास गंजपारा में संवाद गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें युवा छात्रों ने उत्साहपूर्वक वैचारिक अभिव्यक्ति दी। इस आयोजन में मुख्य अतिथि साहित्यकार आनंद तिवारी पौराणिक ने कार्यक्रम की शुरुआत की। इस संवाद गोष्ठी में छात्र अनिश ने कहा कि वे चाहते थे कि युवा शिक्षार्जन कर दिव्य गुणों से युक्त साहसी व चरित्र वान बनकर राष्ट्र की सेवा करें।
अभिनव ने कहा कि वे समतामूलक समाज के पक्षधर थे। वे रामकृष्ण देव की कृपा से महान सन्यासी बने। वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि वे दीनहीन, अशिशिक्षत व उपेक्षित जनों की सेवा को सच्ची ईश्वर भक्ति मानते थे। वे कहते थे कि अगर तुम्हारा पड़ोसी भूखा हो, तो मंदिर में दान देना व्यर्थ है। मुख्य अतिथि आनंद तिवारी पौराणिक ने कहा कि उन्होंने वसुधैव कुटुम्बकम के वैदिक दर्शन का संदेश दिया है। रायपुर में उन्होंने 12 से 14 वर्ण की उम्र बिताई। विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो, अमेरिका में सन् 1893 में वैदिक संस्कृति की विजय पताका फहराई।