धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 13 अप्रैल। जनपद अध्यक्ष दिनेश्वरी नेताम एवं जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष महेन्द्र नेताम संवेदनशील क्षेत्र के गांव ठेनही, तुमड़ीबहार दौड़ में जनसंपर्क पर थे। जनसंपर्क के दौरान ग्राम तुमड़ीबहार (नगरी विकासखंड) की दो महिलाएं गजेन्द्री शांडिल्य और पिंकी ओटी अपने बच्चों के साथ कड़ी धूप में महुआ बीन रही थी। उन्हें देखकर कुछ देर रूककर महुआ बीनने में मदद किये।
गजेन्द्री और पिंकी ने बताया कि इस साल मौसम की मार से अंधड़, तूफान, गरज चमक और बेमौसम बारिश से महुआ वनोपज प्रभावित हुआ है। जिससे ग्रामीणों को बहुत नुकसान हुआ है। फिर भी गांव सूना है, सब महुआ संग्रहण में व्यस्त हैं। वनग्रामों में ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य साधन महुआ (वनोपज) ही है।
इस साल प्रकृति, भगवान की कृपा महुआ पर नहीं हुई है। ऊपर से दुर्भाग्य कि आढ़तियों, कोचियों और व्यापारियों ने साजिश के तहत महुआ की कीमत गिराकर खरीदी कर रहे हैं, जिससे आदिवासियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। शासन प्रशासन मूक-दर्शक बने हुए हैं। जनपद अध्यक्ष दिनेश्वरी नेताम एवं महेन्द्र नेताम ने शासन प्रशासन से मांग की है कि महुआ हम आदिवासियों की आजीविका का मुख्य साधन है। इसे संज्ञान में लेकर ग्रामीण अदिवासियों को महुआ वनोपज का वाजिब कीमत दिलाकर राहत प्रदान करें।