धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नगरी, 14 अप्रैल। ब्लाक नगरी के ग्राम कारीपानी, घुटकेल तथा आसपास के गांवों में हाथियों का उत्पात जारी है। करीब 30 हाथियों के झुंड द्वारा किसानों की फसल लगातार बर्बाद की जा रही है। यह झुंड 11 अप्रैल मंगलवार से आसपास के गांवों में घुसकर फसलों को नष्ट कर रहे है। शिकायत करने के बाद भी वन विभाग का महकमा झांकने तक नहीं आया।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने इस पर भूपेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। विकास मरकाम ने कहा यह सरकार किसान हितैषी होने का केवल ढोंग करतीं है जबकि जमीन में उन्हें किस्मत के भरोसे छोड़ दिया गया है। सिहावा विधानसभा के विभिन्न गांवों में आए दिन हाथियों के आतंक से जान माल की हानि हो रही है लेकिन वन विभाग आंख मूंदे बैठा है।
विकास मरकाम ने कहा बेमौसम बरसात, अंधड़ जैसी प्राकृतिक आपदा से किसानों की कमर टूट गई है जिसका न तो सर्वे किया जा रहा न ही मुआवजा। रही सही कसर हाथियों द्वारा पूरी की जा रही है। विधायक से लेकर कलेक्टर तक शिकायत करके लोग हार मान चुके है पर शासन प्रशासन मानो किसानों की बर्बादी का मूकदर्शक बना बैठा है। विकास ने वन विभाग को भी किसानों के प्रति संवेदनहीन बताया।
हाथी गलियारा और रिजर्व बनाने का काम ठंडे बस्ते में विकास मरकाम ने कहा भूपेश सरकार ने विगत साढ़े चार वर्षों में न एक भी हाथी कोरिडोर विकसित किया और न ही हाथी रिजर्व बनाया। लेमरू हाथी रिजर्व प्रॉजेक्ट को 2019 में केंद्र सरकार की हरी झंडी मिलने बाद भी भूपेश सरकार ने अभी तक कोई कार्य नहीं किया, जिससे हाथियों का पलायन रुके। हाथियों के रहवासों में लगातार की जा रही खनन और अतिक्रमण भी हाथियों के पलायन का बड़ा कारण है। विकास मरकाम ने कहा भूपेश सरकार पूरी तरह मानव हाथी संघर्ष को दूर करने में विफल रही हैं। त्रस्त जनता और किसान इसका बदला चुनाव में अवश्य ही लेगी।