महासमुन्द
पोस्टमार्टम, एमएलसी टीकाकरण, ओपीडी जैसी जरूरी सेवाएं भी प्रभावित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 22 अगस्त। छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न संगठन अपनी-अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। लिहाजा सामुदायिक स्वास्थ्यों केंद्र में कई मरीज बिना इलाज करवाए वापस लौट गए। स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से पूरे जिले में मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ।
मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत नर्सिंग संवर्ग और चिकित्सक अपनी जायज मांगों के संबंध में कई बार स्वास्थ्य सचिव को पत्राचार कर चुके हैं, लेकिन उनकी मांगें आज तक लंबित हैं। उनकी मांगों में वेतन विसंगति, कोविड इनसेटिव कार्य, अवकाश दिवस का भुगतान, आईपीएचएस सेटअप की स्वीकृति एवं भर्ती, हिंसात्मक गतिविधियां रोकने जैसी मांगें शामिल हैं।
मालूम हो कि बीते 21 अगस्त से अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर जिले के डॉक्टर्स, स्वास्थ्य संयोजक, अस्पताल कर्मचारी, नर्सिंग कैडर इत्यादि संगठन मिलकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हंै। अकेले सरायपाली ब्लॉक में आरएचओ, पुरुष, महिला व स्टॉफ नर्स सहित 72 कर्मचारी हड़ताल पर हैं, वहीं पूरे जिले में 600 स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने से उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज प्रभावित हुआ है। कई उप स्वास्थ्य केंद्र हड़ताल के चलते कल सोमवार को बंद रहे।
खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.कोसरिया ने कहा कि ब्लॉक के प्राथमिक,उप स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 72 लोगों के हड़ताल में चले जाने से इलाज प्रभावित न हो, इसलिए वैकल्पिक व्यवस्था कर अस्पतालों को खुलवाया गया। फिर भी चिकित्सालयों तथा उपस्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले मरीज सीधे मेडिकल कॉलेज पहुंच रहे हैं। हड़ताल से जिले में पोस्टमार्टम, एमएलसी टीकाकरण, ओपीडी सेवाएं प्रभावित हंै। स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री और के स्वास्थ्य और जिला अध्यक्ष विनय प्रधान ने बताया कि मंगलवार को रैली निकालकर धरना स्थल से कलेक्टर पहुंचेंगे। जहां कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।