महासमुन्द
जाने अनजाने में की गई गलतियों के लिए एक-दूसरे से की क्षमा याचना
महासमुंद, 22 अगस्त। जैन संप्रदाय का आठ दिवसीय पर्युषण महापर्व का अंतिम दिवस संवत्सरी पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया।
प्रात: 6.15 बजे से वल्लभ भवन में मूल बारसा सूत्र का वांचन प्रारंभ हुआ। वांचना के बाद जैन मंदिर से प्रारंभ होकर चैत्य परिपाटी गांधी चौक से होते हुए पुन: जैन मंदिर पहुंची। शाम को सामूहिक प्रतिक्रमण जैन मंदिर और शांतिनाथ भवन में हुआ। तत्पश्चात सभी ने अपने द्वारा जाने अनजाने में की गई गलतियों के लिए एक-दूसरे से क्षमा याचना की। आगामी 25 तारीख को सभी तपस्वियों का सम्मान, वरघोड़ा, स्वामी वात्सल्य एवम प्रभु से मिलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जैन श्री संघ के सचिव रितेश गोलछा ने बताया कि इस वर्ष बहुत से आराधकों ने मासक्षमण सिद्धि तप, अठाई, नौ उपवास, समवशरण्,ए विजय कसाय, अक्षय निधि, तेला, एकांतर तप, 51 दिवसीय एकासना व बियासना, मोक्ष तप, नवकार तप आदि अनेक तपस्याएं की हैं।