महासमुन्द
ग्रामीण इलाकों के बैंकिंग सेक्टर से जुड़े काम प्रभावित ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 18 दिसंबर। ग्रामीण डाक सेवक संघ के बैनर तले डाक कर्मी चार सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल चले गए हैं। आज छठवें दिन भी हड़तल जारी है। इस हड़ताल की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के डाक घरों में कामकाज पूरी तरह बंद है। महासमुंद जिला मुख्यालय में डाक कर्मी मुख्य डाक घर के परिसर में आंदोलनरत हैं।
ग्रामीण डाक सेवक संघ के अध्यक्ष निर्मल शर्मा ने बताया कि जिले के जीडीएस, एबीपीएम और बीपीएम केन्द्रीय संगठन के आह्वान पर पांच दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हंै। हमारी चार सूत्रीय मांगों में 8 घंटे का काम पेंशन सहित सभी सरकारी लाभ मिले, कमलेश चंद्र कमेटी की सिफारिश की जाए, एसडीबीएस लाभ बढ़ाने और जोर जबरदस्ती से लक्ष्य पूरा करने क विरोध शामिल हंै।
उन्होंने बताया कि महासमुंद लेखा परिक्षेत्र में कुल 32 डाक घर हैं। जिसमें से 30 डाक घरों के 54 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिले में कुल 450 डाक सेवक हैं। जिससे इन डाक घरों में कामकाज पूरी तरह से बंद है। इसके अलावा जिले के सभी विकासखंड अंर्तगत लेखा क्षेत्र के ग्रामीण डाक घर बंद है। वहां के कर्मचारी अपने-अपने लेखा क्षेत्र में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
ग्रामीण डाक सेवकों की हड़ताल से ग्रामीण इलाकों के बैंकिंग सेक्टर से जुड़े काम बुरी तरह से प्रभावित हैं। केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना सुकन्या समृद्धि के खातों पर बुरा असर पड़ रहा है। इसके अलावा एसबीआरडी जमा निकासी, एटीएम सुविधा, पत्र व्यवहार में काफी प्रभाव पड़ रहा है। डाक सेवक संघ के सचिव ने बताया कि ग्रामों में सर्वाधिक लोग डाक कर्मियों पीआर भरोसा कर रुपयों का लेन-देन करते हैं। सभी डाक सेवक इन दिनों जिला मुख्यालय में जुटे हैं। ऐसे में ग्रामों में स्थित डाक घरों में ताला लटक गया है। स्थिति यह है की जरूरी डाक नहीं बंट पा रहे हैं। जमा निकासी ठप हैं। डाक नहीं बंट पा रहे हैं। ग्राहक भटकते दिख रहे हैं। दरअसल ग्रामीण इलाकों में डाकघर ही शासन की योजनाओं से संबंधित जमा निकास करता है। लोग डाक सेवकों को फोन कर घर बैठे ही भुगतान प्राप्त करते हैं। लेकिन इस वक्त सभी डाक सेवक हड़ताल पर हैं।