महासमुन्द

किसान रबी फसल की तैयारियों में जुटे
19-Dec-2023 3:18 PM
किसान रबी फसल की तैयारियों में जुटे

महासमुंद,19 दिसंबर। जिले में धान कटाई व धान विक्रय के साथ ही साधन संपन्न किसान अब रबी फसल की तैयारियों में जुट गए हैं। खरीफ सीजन की धान कटाई जिले भर में अब भी जारी है। लेकिन धान कटाई कर चुके किसान अब रबी फसल लेने की तैयारी कर रहे हैं।

खेतों की प्रारंभिक तैयारियां शुरू हो चुकी है। सुबह से किसान मजदूरों के साथ खेतों में पहुंचकर साफ-सफ ाई करने में जुटे हुए हैं। खेतों में पराली को जलाकर जुताई के लिए तैयार करने से गांव-गांव के खेतखार में इन दिनों आग लगाई जा रही है।

 मालूम हो कि क्षेत्र में लगातार घट रहे भूमिगत जल के स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार ने किसानों से रबी सीजन में धान की फसल के बदले दलहन.तिलहन की फसल लेने की अपील की थी। लेकिन क्षेत्र के किसानों ने दलहन-तिलहन की फसल लेने में कोई रुचि नहीं दिखाई और अब धान की फसल लेने की तैयारी में जुट गए हैं। किसानों की मानें तो क्षेत्र के किसान सिर्फ धान की ही फसल ले सकते हैं। किसानों के मुताबिक दलहन-तिलहन की फसल को प्राकृतिक आपदा, जंगली जानवर, बंदर और पशु-पक्षियों से बचाना मुश्किल हो जाता है । खरीफ फसल की हार्वेस्टर से कटाई के बाद पैरा पराली खेतों में ही छोड़ दिए हैं। जिसे अब किसान रबी फसल की तैयारी में आग के हवाले कर नष्ट कर रहे हैं।

 कृषि विज्ञानियों का कहना है कि भूमि में फसल के लिए उपयोगी सूक्ष्म बैक्टीरिया खेतों में आग लगाने से जलकर नष्ट हो जाते हैं। इससे किसानों को नुकसान होता है। खेत में आग लगाकर कभी भी पैरा को नहीं जलाना चाहिए। खरीफ सीजन की फसल कटाई 80 फीसदी पूरी हो चुकी है। 25 प्रतिशत फसलों की कटाई. मिंजाई तेज गति से चल रही है। किसान व मजदूर दोनों धान की कटाई. मिंजाई के कार्य में व्यस्त हैं। क्षेत्र में मजदूरों का टोटा बना हुआ है। रबी सीजन में धान फसल लेने वाले ज्यादातर किसान हार्वेस्टर व अन्य साधन से कटाई.मिंजाई कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द वे रबी सीजन में धान का फसल ले सकें।

 किसान खगेश साहू कहते हैं कि खरीफ फसल को समेटने के बाद अब रबी फसल लेने की तैयारी में जुट गए हैं। इस वर्ष वे 5 एकड़ खेत में धान की फसल लेंगे। जिसकी तैयारी चल रही है। श्री साहू ने बताया कि वे दलहन.तिलहन की फसल लेना चाहते हैं। लेकिन होने वाली परेशानियों को देखते हुए वे मजबूरी में धान की फसल लेते हैं। सूरजमुखी की फसल लेने पर तोता और अन्य फसल लेने पर जंगली सूअर के उत्पात से फसल ले पाना नामुकिन हो जाता है। इस वजह से धान की खेती करने की विवशता है। फसल चक्र परिवर्तन के लिए अनुकूल वातावरण किसानों को नहीं मिल रहा है।

 किसानों ने बताया कि वे अभी खरीफ सीजन का धान नहीं बेच पाए हैं। धान बेचने के लिए टोकन नंबर का इंतजार कर रहे हैं। इस वजह से रबी फसल लेने के लिए तैयारी शुरू नहीं किए हैं। एक.दो दिनों में वे रबी फसल की तैयारी में जुट जाएंगे। गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान की ही फसल लेने की बात कही।

धान फसल लेने में दलहन.तिलहन की अपेक्षा ज्यादा दिक्कत नहीं होती। सब्जी भाजी की खेती करने पर बंदरों की समस्या से जूझना पड़ता है। बीमारियों से सब्जी फसल को बचा पाना और फल लगने पर बंदरों से बचाना बड़ी चुनौती होती है। इस लिहाज से धान की खेती ही फायदेमंद साबित होता है।

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