राजनांदगांव
नक्सलियों को दवा उपलब्ध कराने पर होगी कड़ी कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 फरवरी। नशा उन्मूलन अभियान के तहत राजनांदगांव एसपी मोहित गर्ग ने मेडिकल दुकान संचालकों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में शहर के लगभग 80 मेडिकल संचालक शामिल हुए।
बैठक में कहा गया कि प्रतिबंधित दवाओं, नशीले पदार्थों एवं स्वापक स्वापक औषधियों का विक्रय अवैध रूप से करते पाया गया तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी। प्रतिबंधित टेबलेट, सिरप, इंजेक्शन और अन्य किसी भी दवाई का विक्रय डॉक्टर के (प्रिसक्रिप्शन) सलाह के अनुसार दवाई दें। पुलिस ने अपील की है कि बच्चों को नशे से दूर रखें और कहीं पर भी उनके द्वारा इस तरह के नशे का इस्तेमाल किया जाता है तो तत्काल पुलिस को अवगत कराएं। सभी मेडिकल संचालकों को पुलिस अधीक्षक द्वारा शपथ दिलाया गया।
मिली जानकारी के अनुसार एसपी मोहित गर्ग ने 13 फरवरी को पुलिस कंट्रोल रूम स्थित पुलिस जनसंवाद कक्ष में मेडिकल संचालकों की बैठक आयोजित किया। जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा, एसडीओपी डोंगरगांव दिलीप सिसोदिया व शहर के थाना प्रभारीगण सहित शहर के सभी मेडिकल संचालक शामिल हुए। पुलिस अधीक्षक द्वारा नशे पर लगाम लगाए जाने हेतु सभी थाना, चौकी को सख्त कार्रवाई किए जाने निर्देशित किया गया है एवं अबोध किशोरवय बच्चों द्वारा अगर कहीं पर भी नशे का सेवन करते पाया जाता है तो उस नशे के स्रोत एवं विक्रेता के संबंध में जानकारी प्राप्त करने हेतु निर्देशित की गई है।
श्री गर्ग द्वारा समस्त मेडिकल संचालकों को यह सख्त निर्देश दिया गया कि सभी दवा की दुकान ड्रग्स एवं कासमेटिक्स एक्ट 1940 के अनुसार रिकार्ड का संधारण एवं फार्म भरेंगे। प्रतिबंधित दवाइयों जो नशा के लिए इस्तेमाल की जा सकती है, उन दवाइयों को प्रिसक्रिप्सन की फोटोकापी रखकर ही दें। एक बार में एक सप्ताह से ज्यादा की दवाई न दें। एक ही व्यक्ति द्वारा बार-बार आकर नशीली दवाई इन्जेक्शन सीरिंज की मांग करने पर संदेहास्पद व्यक्ति की फोटो खींचकर पुलिस कंट्रोल रूम को भेजें या उसे रोककर उसे 112 को काल करें। नशीली दवाईयों के प्रिस्क्रिप्शन पर एक सप्ताह के लिए वैध का सील अवश्य लगाएंगे। जिससे यह इस पर्ची को दिखाकर दूसरे मेडिकल से दवाई न ले सके। यथासंभव अपने दुकान के सामने सीसीटीवी लगाएं। जिससे संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा सके। दवा लेने वाले व्यक्ति नशे की हालत में दिखने पर 112 पर काल करें। रजिस्टर मेडिक़ल प्रेक्टिशनर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही नशीली दवाईयों को दें। नशीली दवाईयों के आवक एवं जावक को स्पष्ट रूप से रखें, जिससे ड्रग इंस्पेक्टर की जांच में दिखाया जा सके।
खपत के हिसाब से ही नशीली दवाईयों का संधारण करें। अत्याधिक मात्रा में दवाई न रखें। अपने दुकान में काम करने वाले सारे कर्मचारी को नशीली दवाईयों एवं एनडीपीएस एक्ट के बारे में बतायें। अपने व्हाट्सअप के ग्रुप में भी नशीली दवाईयों की रोकथाम एवं एनडीपीएस एक्ट की जानकारी साझा करें। नशीली दवाईयों के विरूद्ध अभियान में नशे के खिलाफ शपथ पत्र भरें एवं अपने एसोसिएशन की बैठक में शपथ दिलाएं। नशे के आदि/नशेडिय़ों को किसी भी हालत में नशीली दवाईयों न दें, ये दंडनीय है। नाबालिग को नशीली दवाईयों बिक्री न करें। संदेहास्पद लोगों द्वारा नशे की दवाईयों मांगने पर उनका मोबाईल नम्बर मांग कर अवश्य रखें, पुलिस को इसी सूचना दें। दवा संगठन ये नजर रखें किसी दुकान से यदि नशीली दवाईयों की विक्रय ज्यादा है तो उसका आडि़ट कराएं।
इस अवसर पर सभी मेडिकल संचालकों को पुलिस अधीक्षक द्वारा शपथ दिलाया गया कि मैं ईश्वर की शपथ लेता हूं कि दवाईयों को नशे के इस्तेमाल के विरोध में जो अभियान चल रहा है, उसका पूरा समर्थन करूंगा। मै शपथ लेता हूं कि शासन की इस योजना के अतंर्गत ऐसे संदिग्ध बच्चों या कोई भी व्यक्ति मेरी जानकारी में आयेंगे तो मै पुलिस विभाग को सूचित करके अपने दायित्व का निर्वहन करूंगा। मंै नियमानुसार अधिकृत चिकित्सा की पर्ची पर ही दवाई जिनका नशे के रूप में दुरूपयोग संभव है, का विक्रय करूंगा एवं उक्त दवाओं के रिकार्ड का संधारण नियमानुसार करूंगा की शपथ दिलाई गई।