धमतरी

मीसा बंदियों की पेंशन देने का फैसला स्वागत योग्य-बलजीत
28-Feb-2024 3:01 PM
मीसा बंदियों की पेंशन देने का फैसला स्वागत योग्य-बलजीत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नगरी, 28 फरवरी। धमतरी जिला से मीसाबंदी रहे स्वर्गीय सतनाम सिंह छाबड़ा के पुत्र बलजीत छाबड़ा ने छत्तीसगढ़ के मुखिया विष्णु देव साय के फैसले का स्वागत करते हुए मीसाबंदियों को फिर से सम्मान निधि दिए जाने पर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया है।

बलजीत छाबड़ा ने कहा कि प्रदेश के मीसा बंदियों को फिर से सम्मान निधि दिए जाने का ऐलान होते ही धमतरी जिले के मीसाबंदियों ने सरकार के फैसले की तारीफ की है। मीसा बंदियों ने कहा कि उनके सम्मान निधि बंद कर दी गई थी। सम्मान निधि बंद होने के चलते उनको बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा भूपेश बघेल को मीसाबंदियों का श्राप लगा और कांग्रेस की सरकार चली गई। क्योंकि कांग्रेस की सरकार द्वारा किया गया कृत्य मीसा बंदियों को दिया गया सम्मान का अपमान था, जिसका छत्तीसगढ़ की जनता ने करारा जवाब दिया है।  आपातकाल समय की याद दिलाओ तो 25 जून 1975 को मध्य रात्रि इस देश की सबसे बड़ी काली अमावस्या है, जहां हमारी सारी लोकतंत्र मान्यताओं सनातन के सारे संस्कारों को एक झटके में एक तानाशाही मानव रीति की इंदिरा गांधी पद पर बनी रहने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उनके चुनाव रद्द किए जाने के निर्णय के बावजूद देश में आपातकाल थोपा। देश में एक व्यक्ति बना रहे इसके लिए बिना कोई कारण आपात कल लगाया गया और लोगों को कई महीनों तक जेल में बंद कर रखा गया। रुकी हुई पेंशन देकर लोकतंत्र के सेनानियों का जो सम्मान भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार ने किया है उसकी हम भूरी-भूरी प्रशंसा करते हैं।

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