धमतरी
![सडक़ दुर्घटना रोकने अछोटा पुल से हो रही रेत-मिट्टी की सफाई सडक़ दुर्घटना रोकने अछोटा पुल से हो रही रेत-मिट्टी की सफाई](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/17218157322.jpg)
800 मीटर के पुल में हैं सैकड़ों गड्ढे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 24 जुलाई। धमतरी-नगरी स्टेट हाईवे पर ओडिशा को जोडऩे वाली महानदी पर अछोटा-कोलियारी पुल काफी खराब हो गया है। 800 मीटर वाले इस पुल में सैकड़ों खतरनाक गड्ढे उभर आए हैं। पुल से दिन-रात रेत का परिवहन होता है, जिसके कारण पुल में रेत की मोटी परत जम गई है। बारिश के समय यही रेत-धूल-मिट्टी राहगीरों के लिए सडक़ दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। दुर्घटना की आशंका को ध्यान में रखकर अब पीडब्ल्यूडी सेतू निगम की ओर से रेत की सफाई करा रहा है।
महानदी पर अछोटा से कोलियारी के बीच करीब 44 साल पहले 800 मीटर लंबा पुल बना था। 4 सितंबर 1981 को इसका निर्माण हुआ था, तब से लेकर अब तक इस पुल की देखरेख को लेकर विभागीय अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। अब इस पुल की हालत खस्ता होने लगी है। दिन-रात रेत परिवहन में लगे हाईवा, ट्रक और विशाखापट्नम सिक्स-लेन सडक़ में लगे ट्रेलर की आवाजाही से पुल कांपने लगता है।
पुल की रेलिंग भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई है। मरम्मत के नाम पर 7 साल पहले लाखों रुपए फूंके गए पर पुल की हालत आज फिर नहीं सुधरी।
सडक़ों की हालत खराब
महानदी पुल के अलावा सिहावा चौक से लेकर नहर नाका तथा कोलियारी गांव से लेकर पुलिया तक सडक़ में जगह-जगह गड्ढे उभर आए हैं, लेकिन इस ओर विभागीय अधिकारियों का ध्यान नहीं है, जबकि इस रूट में रोजाना हजार से ज्यादा बड़ी गाडिय़ां अवैध रूप से रेत की निकासी में लिप्त हैं।
कम क्षमता वाली सडक़ में क्षमता से दोगुना वजनी रेत भरकर ले जाने से सडक़ लगातार कमजोर और खराब हो रही है।
फैक्ट फाइल
पुल बनाने की मंजूरी- साल 1973
अछोटा पुल का निर्माण- साल 1981
पुल निर्माण की लागत- 2.70 करोड़
पुल की अवधि- 50 साल
प्रतिदिन वाहनों का आवागमन- 5000
पुल की लंबाई- 800 मीटर