बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 2 मार्च। नवागढ़ विधानसभा के 20 से अधिक गांव के सैकड़ों किसानों ने नियमित बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर जिला मुख्यालय में घंटो चक्काजाम किया। किसानों के अचानक चक्काजाम से अव्यवस्था फैल गई और वाहनों का भारी जाम लग गया। पुलिस को व्यवस्था बनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। किसानों की नाराजगी का आलम यह था कि वह सडक़ से हटने को तैयार नहीं थे।
इस दौरान किसानों ने नवागढ़ विधायक व कैबिनेट मंत्री दयालदास बघेल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों के अनुसार उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। लगातार ज्ञापन देने के बावजूद समस्या का निराकरण नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। प्रदर्शन में टेकराम, रवि, श्याम, रिखी, शंकर, मंगत, नारायण लहरिया, सिकंदर, सोनाराम, मनहर, दिलहरण समेत 300 किसान शामिल हुए।
बिजली विभाग किसानों के साथ कर रहा भेदभाव
किसानों ने बताया कि विधुत विभाग उनके साथ भेदभाव कर रहा है। जिसमें अटल ज्योति योजना के अंतर्गत सिर्फ 2 घंटे बिजली दी जा रही है। यही हाल घरेलू बिजली का है। जबकि आसपास के उद्योगपतियों को 24 घंटे बिजली दी जा रही है। अन्नदाताओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। किसानों को महज कुछ घंटे और उद्योगपतियों को 24 घंटे बिजली देना, यहां भी बड़ा खेल हो रहा है।
अटल ज्योति में सिर्फ 2 घंटे दी जा रही बिजली
विद्युत विभाग के लापरवाह रवैया से किसान आक्रोशित दिखे। पानी के अभाव में खेत फटने लगे हैं। रही सही कसर विद्युत विभाग की मनमानी ने पूरी कर दी है। अघोषित बिजली कटौती से किसान हलकान है। आलम यह है कि अटल ज्योति योजना के अंतर्गत किसानों को 24 घंटे में महत्व से 2 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। शिकायत पर अधिकारियों ने समस्या के जल्द निराकरण का आश्वासन दिया था। लेकिन महीना भर बीत जाने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है।
खेत सूखे, बिजली नहीं मिलने पर फसल होगी चौपट
कृषक टेकराम ने बताया कि धान के खेत प्यासे है। बिजली विभाग की बेरुखी इसी तरह जारी रहने पर किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद, कृषि पम्पों को महज एक-दो घंटे बिजली दी जा रही है। जो नाकाफी है। ऐसी स्थिति में फसल बचाने को लेकर किसान परेशान है।
प्रशासन की अपील को नहीं मान रहे किसान
जिला प्रशासन की ओर से रबी फसल में धान नहीं लेने की अपील की जाती है, बावजूद किसान बड़े पैमाने पर धान की फसल ले रहे हैं। ऐसी स्थिति में भूजल दोहन के साथ ग्राउंड वाटर लेवल में गिरावट आती है। जिससे गर्मी के दौरान पेयजल की समस्या होती है। वही फसल की सिंचाई के लिए पूरी तरह से कृषि पंपों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसी स्थिति में किसानों को नियमित बिजली आपूर्ति विद्युत विभाग के लिए चुनौती है। गौरतलब हो कि जिले में डेढ़ लाख से अधिक कृषि पंप है।
प्रदर्शन में 20 से अधिक गांव के सैकड़ों किसान हुए शामिल
प्रदर्शन में ग्राम धनेली, पौसरी, मोहरेंगा, जोगीपुर, उसलापुर, खैरझिटी, घटोली, बगौद, मऊ, मलदा, झिरिया, बिटकुली समेत 20 से अधिक गांव के किसान प्रदर्शन में शामिल हुए। किसानों के अनुसार वे जेल जाने को भी तैयार हैं, लेकिंन उन्हें बिजली चाहिए। अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। शिकायत लेकर कार्यालय पहुंचने पर हर बार बहाने बाजी कर किसानों को लौटा दिया जाता है, लेकिन इस बार क्षेत्र के किसान नियमित बिजली आपूर्ति की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं।
आश्वासन के बाद किसानों ने खत्म किया चक्काजाम
समझाइश के बावजूद किसान मानने को तैयार नहीं हुए। वे नियमित बिजली आपूर्ति को लेकर ठोस आश्वासन चाह रहे थे। इसके बाद बेमेतरा तहसीलदार बंजारे, सहायक यंत्री गुलाब साहू समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसान ठोस आश्वासन के बिना चक्काजाम खत्म करने को तैयार नहीं थे। अधिकारियों से लिखित में आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त किया। जिसमें दो से तीन दिनों के भीतर समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया गया है।
सहायक यंत्री गुलाब साहू ने कहा कि ओवरलोडिंग की समस्या का जल्द निराकरण कर लिया जाएगा, जिसमें अर्जुनी सब स्टेशन में पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई जाएगी, ताकि किसानों को नियमित बिजली की आपूर्ति हो। इस संबंध में कलेक्टर को रिपोर्ट दी गई है।