महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 1 अप्रैल। शहर के सडक़ों पर आवारा घूम रहे पशु के घायल होने, मौत होने पर उनके इलाज-अंतिम संस्कार के लिए शहर के कुछ युुवा दौड़े चले आते हैं। इनमें से सभी विहिप,बजरंग दल और हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता हैं।
31 मार्च को विहिप,बजरंग दल और हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने कुत्ते काटने के बाद तड़पते बछड़े का इलाज कराया, सडक़ दुर्घटना में मृत बंदर को सद्गति दी, गाय के पेट के अंदर मृत बछड़े को किसी तरह डॉक्टरों के सहयोग से बाहर निकवाया, ट्रेन की चपेट में आकर मृत गाय का कफन-दफन किया और एक गहरी नाली में गिरी गाय को क्रेन के जरिए बाहर निकाला।
रविवार सुबह हिंदू युवा वाहिनी के लोगों को शहर के विक्रम ठाकुर ने सूचना दी कि गांधी चौक में गाय के साथ एक बछड़ा है जिसे कुत्ते ने एक जगहों पर काट लिया है। विहिप,बजरंग दल और हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने खबर सुनते ही गांधी चौक पहुंचकर आसपास के लोगों के सहयोग से गाय के बच्चे को पकड़ा और बछड़े को पशु चिकित्सालय ले जाकर रेबीज का इंजेक्शन आदि लगवाया, मरहम पट्टी की और ऑटो रिक्शे में लादकर बछड़े की मां के पास छोड़ा।
इसी तरह 15 मार्च को रायपुर रोड़ तिवारी बिल्डिंग के आगे में एक बंदर सडक़ दुर्घटना मृत हो गया। सूचना मिलते ही विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल और हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता वहां पहुंचे। इस घटना की जानकारी मुख्य नगर पालिका परिषद महासमुंद को दी।
नगरपालिका की जेसीबी मशीन वहां पहुंची और फिर बजरंग दल के जिला गौ सेवा प्रमुख सुमन सेंन्द्रे ने गाड़ी में लादकर शमशान घाट ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया।
हाल ही में 27 मार्च को बिजली विभाग के एक कार्यालय के अंदर में गाय बच्चा जन रही थी लेकिन दो दिनों तक वह एक ही स्थान पर दर्द से छटपटा रही थी। इसकी जानकारी विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल और हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं को मिली। तत्काल वे वहां पहुंचे और पशु चिकित्सा अधिकारी को सूचना दी। अधिकारी विभाग के डॉक्टर के साथ घटनास्थल पहुंचे। जांच के बाद पता चला कि गाय के पेट में ही बछड़ा खत्म हो चुका है।
डॉक्टर ने किसी तरह पेट अंदर मर चुके बछड़े को बाहर निकाला। इसके बाद से गाय सुरक्षित है। इससे पहले 21 मार्च को कलेक्टोरेट रोड में एक बंदर करंट की चपेट में आकर मर गया था। सूचना मिलते ही वहां भी विश्व हिन्दू परिषद्, बजरंग दल और हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता पहुंचे थे। उसके बाद उन्होनें स्कूटी में लादकर बंदर को श्मशान घाट ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया। इससे पहले इन सभी ने 28 फरवरी को महासमुंद शंकर नगर के बीच ट्रेन के चपेट में आकर मृत गाय को नगरपालिका के जेसीबी से हटाकर अंतिम संस्कार किया। इन सभी कामों में भुनेश्वर कुमार, मुकेश कुमार, राकेश साहू का विशेष सहयोग रहा।