राजनांदगांव
![एसएलआरएम सेन्टर में बन रहा जैविक खाद एसएलआरएम सेन्टर में बन रहा जैविक खाद](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1718282417jn__2.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 जून। नगर निगम सीमा क्षेत्रांतर्गत प्रतिदिन घरों से निकलने वाले गीला एवं सूखा कचरे को स्वच्छता दीदीयां एकत्रिकरण करती है और उसे एसएलआरएम सेंटरों में पृथककरण किया जाता है तथा गीला कचरा से सेंटर में ही जैविक व वर्मी खाद का उत्पादन किया जा रहा है। उक्त खाद उद्यानों, नर्सरी व पेड़-पौधों के लिए अत्यंत उपयोगी है, जिसे निगम के एसएलआरएम सेंटरों से न्यूनतम दर पर प्राप्त किया जा सकता है।
नगर निगम आयुक्त अभिषेक गुप्ता ने बताया कि बाजार एवं घर से निकलने वाले कचरा जिसे स्वच्छता दीदीयां डोर टू डोर कचरा संग्रहण के माध्यम से गीला एवं सूखा कचरा संग्रहण करते है, जिसे एसएलआरएम सेंटर में उनके द्वारा पृथककरण किया जाता है और गीला कचरा व पत्तियां आदि से खाद बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि 60 दिन की प्रक्रिया में पीठ एवं कम्पोस्ट मशीन के माध्यम से खाद का निर्माण किया जाता है। प्रक्रिया के तहत डी-कम्पोस्ट व गोबर घोल डालकर उलट पलट किया जाता है, जिसे 60 दिन के उपरांत जैविक तथा वर्मी खाद का उत्पादन होता है।
आयुक्त गुप्ता ने बताया कि जैविक तथा वर्मी खाद किचन गार्डन, सब्जी बागवानी, घरों के उद्यानों तथा कृषि फसलों हेतु अत्यंत उपयोगी है। यह शुद्ध देशी खाद है, जिसे गीला कचरा व पत्तियों आदि से बनाया जाता है, इस खाद में किसी भी प्रकार का केमिकल नहीं मिला होता है, जिस कारण से यह खाद फसलों, सब्जियों आदि की अधिक पैदावार हेतु अत्यंत उपयोगी है।