राजनांदगांव

सांसद की उपस्थिति व कलेक्टर की अध्यक्षता में शासी परिषद की बैठक
23-Jun-2024 4:18 PM
सांसद की उपस्थिति व कलेक्टर की अध्यक्षता में शासी परिषद की बैठक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 23 जून।  सांसद संतोष पाण्डेय की उपस्थिति एवं कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शासी परिषद की बैठक आयोजित की गई।

इस दौरान जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) अंतर्गत शासी परिषद की वार्षिक कार्ययोजना पर चर्चा की गई। सांसद एवं शासी परिषद के सदस्य संतोष पाण्डेय ने कहा कि डीएमएफ अंतर्गत जिले में लोक हित से जुड़े विभिन्न विकास कार्यों के संबंध में कार्य किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर एवं शासी परिषद के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि जनहित से जुड़े विभिन्न विकास कार्यों के लिए डीएमएफ अंतर्गत पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, जल संरक्षण, कृषि, कौशल विकास, वृद्ध एवं दिव्यांगजन के कल्याण तथा अन्य विभिन्न मुद्दों पर विकास के लिए कार्य योजना बनाई गई है। जिस पर प्राथमिकता देते हुए कार्य किया जाना है। खनन प्रभावित प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष ग्रामों के लिए कार्य योजना बनाई गई।

कलेक्टर ने कहा कि मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ जाने वाले मार्ग में चार प्रतीक्षालय का निर्माण किया जाएगा। सांकरदाहरा एवं भंवरमरा को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एजुकेशनल हब, लाईब्रेरी, कैरियर काउंसलिंग हेतु नि:शुल्क कोचिंग एवं अन्य सुविधाएं तथा अमृत सरोवर का सौंदर्योकरण एवं रोबोटिक्स एवं आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस प्रशिक्षण सुविधा, पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय राजनांदगांव में वेटिंग हॉल, नदी के तट पर ऑक्सीजोन, जिले के 28 स्थानों में व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण का निर्माण किया जाएगा।

कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि जिले में लगातार 42 हजार बोरवेल एवं पंप चलाने के कारण भू-जल का 85 प्रतिशत पानी का दोहन कर लिया गया है। जिसके कारण भू-जल का स्तर 18 मीटर नीचे चला गया है। राजनांदगांव, डोंगरगांव एवं डोंगरगढ़ विकासखंड क्रिटिकल जोन में हंै। इसके लिए जनसहभागिता से जल संरक्षण के लिए मिशन जल रक्षा चलाया जा रहा है।

 

 

 

इसके साथ ही जिले में पौधरोपण को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके लिए फसल चक्र परिवर्तन, कम पानी की आवश्यकता वाले फसलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। सेंट्रल वाटर बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार स्थितियों को देखते हुए जल संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर जल संरक्षण करने के लिए वाटर स्ट्रक्चर बनाए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जिले में पौधरोपण के लिए 50 हजार गड्ढे कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि सडक़ किनारे, तालाब के किनारे पौधरोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले के गंभीर कुपोषित लगभग 1400 बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों में पौष्टिक आहार प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही अभिभावकों को बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसमें जनप्रतिनिधियों का सहयोग अपेक्षित है। पो_ लईका अभियान के तहत वजन त्यौहार, स्वास्थ्य जांच एवं अभिभावकों में व्यवहार परिवर्तन के बारे में जानकारी दी जा रही है।

जिला पंचायत सीईओ एवं शासी परिषद के सदस्य सचिव सुरूचि सिंह ने बताया कि भारत में जनसंख्या के अनुरूप में स्रोत की कमी होने से जल की कमी भी हो रही है। जिस गति से भू-जल का दोहन कर रहे हैं, उस गति से जल संरक्षण की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिले में अच्छी बारिश होती है। शासन के कैच द रेन अवधारणा अंतर्गत बारिश के पानी का संरक्षण करने की आवश्यकता है। जिले में जल संरक्षण की दिशा में मिनी परकोलेशन टैंक, विभिन्न डबरी निर्माण, चेक डेम जैसे वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाए गए हंै। उन्होंने प्रजेंटेशन के माध्यम से अमृत सरोवर, कला केन्द्र की स्थापना, लखपति दीदी योजना एवं महिला स्वसहायता समूह की आजीविका संवर्धन की गतिविधि, पौधरोपण, प्लक टाईप सिडलिंक यूनिट पेण्ड्री, एफपीओ, व्यावसायिक परिसर निर्माण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, आहाता निर्माण एवं विभिन्न निर्माण कार्यों के संबंध में जानकारी दी।

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