कोण्डागांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोण्डागांव, 13 जून। नगर पालिका क्षेत्र कोण्डागांव अंतर्गत 22 वार्ड शामिल हैं। इन 22 में से अधिकांश वार्डों में पेयजल की समस्या का समाधान पानी के टैंकर के माध्यम से किया जाता है। लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष और सीएमओ के बीच किसी मुद्दे को लेकर विवाद बढ़ गया है। विवाद के कारण नगर पालिका अध्यक्ष चेक पर दस्तखत नहीं कर रही हैं, जिसके कारण नगर पालिका के वाहनों में डीजल नहीं डाला गया है। नतीजतन, डीजल नहीं होने से वार्ड में पेयजल के पानी के टैंकर, सफाई के लिए जाने वाले कचरा ट्रैक्टर का संचालन नहीं हो रहा है। फलस्वरूप, कई वार्डों में पेयजल की समस्या विकराल रूप ले चुकी है।
नगर पालिका उपाध्यक्ष जसकेतु उसेंडी, पार्षद लक्ष्मी ध्रुव, पार्षद सोनामणि पोयाम, पार्षद तेज देवांगन, पार्षद ललित देवांगन व अन्य जन सुबह से ही नगर पालिका कार्यालय में नजर आए। यहां उपाध्यक्ष और पार्षदों ने पूछे जाने पर कारण बताया कि, इन दोनों कोण्डागांव नगर के 22 में से 15 वार्ड में पेयजल की समस्या है। इस पेयजल की समस्या को पानी के टैंकर के माध्यम से सुलझाया जा रहा है। पानी के टैंकर प्रतिदिन सुबह अलग-अलग वार्ड पर सप्लाई करते हैं, क्योंकि गर्मी के कारण कहीं बोरवेल खराब है तो कहीं बोरवेल में जल स्तर नीचे चला गया है।
उपाध्यक्ष और पार्षदों ने आगे बताया कि, लगभग तीन दिन से पेयजल की समस्या के लिए पहुंचने वाला पानी का टैंकर नगर पालिका कार्यालय से न तो निकला है और न ही वार्डों में पहुंचा है। जिस कारण वे स्थिति का जायजा लेने पालिका कार्यालय सुबह से ही पहुंचे हैं। इसी तरह नगर के सफाई के लिए चलने वाला कचरा वाहन भी पालिका से रवाना नहीं किया गया है।
डीजल नहीं होने से हो रही है समस्या
इस संबंध में पार्षदों के दल ने बताया कि, नगर पालिका के कर्मचारियों ने उन्हें ट्रैक्टर लेकर पानी सप्लाई और कचरा वाहन मोहल्ले में नहीं पहुंचने के बारे में बताया कि वाहनों में डीजल ही नहीं है। जिस कारण से नगर पालिका से ट्रैक्टर व अन्य वाहन रवाना नहीं हुए हैं। डीजल नहीं होने के संबंध में पार्षदों के दल ने नगर पालिका के सीएमओ से भी चर्चा की है।
9 जून को चेक में किया हस्ताक्षर, लेकिन अध्यक्ष ने किया इंकार -सीएमओ
इस संबंध में नगर पालिका के सीएमओ राजेंद्र पात्रे ने बताया कि, पेट्रोल पंपों को नगर पालिका के माध्यम से भुगतान नहीं किया गया है। भुगतान नहीं होने से फ्यूल नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने 9 जून को ही हस्ताक्षर कर दिया है, लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा यादव के माध्यम से चेक में हस्ताक्षर नहीं किया जा रहा है। जिस कारण से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है।
नहीं मिला मानदेय इसलिए रोका चेक -पालिका अध्यक्ष
इस पूरे मामले पर नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा यादव के अलग ही तर्क हैं। वर्षा यादव का कहना है कि, जनप्रतिनिधि के तौर पर नगर के जनता ने हमें अध्यक्ष व पार्षद चुना है। अब हमारा कार्यकाल पूरा होने को भी आया है। इस 5 साल में कभी भी हमें मानदेय के लिए इतना परेशान नहीं होना पड़ा। नगर पालिका सीएमओ से इस संबंध में चर्चा करने पर उनका कहना है कि, शासन के समक्ष आवेदन करें और आंदोलन कर अपना मानदेय पास करवाए। ऐसे जवाब के चलते नाराज होकर अन्य पार्षदों की सहमति से चेक पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया गया है।