सूरजपुर
![सडक़ हादसे में घायल वनरक्षक की 2 दिन बाद मौत सडक़ हादसे में घायल वनरक्षक की 2 दिन बाद मौत](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1718377147-0014.jpg)
न परिजनों को दी सूचना और न ही पुलिस को
प्रतापपुर,14 जून। प्रतापपुर-अंबिकापुर मार्ग के गोटगावा के पास 2 दिन पूर्व अज्ञात वाहन की ठोकर से सडक़ दुर्घटना में घायल हुए वनरक्षक मिलन सिंह चौहान की मौत हो गई।
वनरक्षक मिलन सिंह चौहान उम्र 32 वर्ष जो कि अपने सर्किल से घर वापस प्रतापपुर आ रहे थे, तभी मार्ग में अज्ञात वाहन की टक्कर से दुर्घटनाग्रस्त हो गए। उनके सिर में चोट आई व हाथ पैर में भी गंभीर चोट लगने के कारण 2 दिन पूर्व रात्रि के 12-1 बजे के आसपास एंबुलेंस से राहगीरों ने प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां मिलन सिंह चौहान अचेत अवस्था में पड़ा हुआ था। आरोप है कि गहरा घाव तथा गंभीर अवस्था में देखने के बाद भी प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र के लोगों ने न ही पहचान कराने की कोशिश की न ही इसकी सूचना पुलिस को दी।
इधर, परिजनों ने भी युवक मृतक मिलन सिंह चौहान का खोजबीन प्रारंभ कर दी। उसके पास में मोबाइल भी था,मोबाइल की घंटी बजती रही मगर किसी ने उठाने की जरूरत नहीं समझी।
प्रतापपुर रात्रि ड्यूटी में पदस्थ चिकित्सकों ने न प्रतापपुर थाना को सूचित किया न परिजनों को। उक्त गंभीर युवक को जिला अस्पताल अंबिकापुर रेफर कर दिए। पूरी रात इलाज के अभाव में युवक का और बुरा हाल हो गया।
परिजनों ने ढूंढना प्रारंभ किया। पूरी रात बीत जाने के बाद सुबह के 9 बजे तक परिजनों को इसकी जानकारी प्राप्त हुई। तब आनन फानन में अंबिकापुर अस्पताल में पहुंचे और परिजनों ने इलाज प्रारंभ कराया, वहीं दो दिन जिंदगी और मौत के बीच कड़ी संघर्ष के बाद में बीते रात उसने दम तोड़ दिया।
प्रतापपुर स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी लापरवाही से आम नागरिकों में आक्रोश है। घटना के बाद में मृतक का पहचान यदि प्रतापपुर स्वास्थ्य केंद्र में हो जाता तो उनके परिजनों को भी रात में खबर होने के कारण उसे उच्च मेडिकल व्यवस्था मिल सकती थी,मगर युवक के पैकेट में रखे हुए मोबाइल की घंटी बजती रही, पर किसी ने उठाकर या कॉल लगाकर उनके घर वालों को बताना या मित्रों को बताना उचित नहीं समझा।
मिलन सिंह चौहान की मौत की खबर सुनते हुए आज नगर में शोक का माहौल निर्मित हो गया। नगर का होनहार मिलन सिंह सभी लोगों में अपने व्यवहार के लिए जाने जाते थे।