सूरजपुर
![राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पार्वती इंस्टीट्यूट में दो दिनी संगोष्ठी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पार्वती इंस्टीट्यूट में दो दिनी संगोष्ठी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720458421-0017.jpg)
सूरजपुर, 8 जुलाई। पार्वती इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग रिसर्च एंड मैनेजमेंट शिक्षा महाविद्यालय, मदनपुर, सिलफिली, जिला सूरजपुर में 6 जुलाई से प्रारंभ दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी (ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों मोड पर) का आयोजन किया गया,जिसका विषय राष्ट्रीय शिक्षा नीति था।
प्रथम दिवस पर मुख्य अतिथि संत गहिरा गुरू वि.वि. के रजिस्ट्रार शारदा प्रसाद त्रिपाठी एवं संस्था के संस्थापक अशोक नाथ तिवारी के द्वारा सरस्वती मां के समक्ष दीप प्रज्जवलित एवं बी.एड. प्रभारी प्रीति सोनी के स्वागत उद्बोधन के साथ संगोष्ठी का प्रारंभ किया गया।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. कौशल किशोर (प्रोफेसर डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशनल स्टडीस जामिया मिलिया इस्लामिया वि.वि. नई दिल्ली) राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अवधारणा एवं विकास पर तथा डॉ. शशिकांत यादव (प्राचार्य सए बी.एन टीर्चस ट्रेनिंग कॉलेज बाभनडीह हजारीबाग झारखण्ड) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के विभिन्न भागों को सविस्तार से समझाया।
द्वितीय दिवस को मुख्य वक्ता के रूप में संत गहिरा गुरू वि.वि. के डिप्टी रजिस्ट्रार प्रवीण अग्रवाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में व्यसायिक शिक्षा तथा डॉ. अजेय झा (डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशनल स्टडीस सिक्किम मनीपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षण संस्थान की स्थापना एवं उसमें तकनीकी विकास, क्रेडिट सिस्टम तथा संरचना की विस्तार से व्याख्या की।
इस कार्यक्रम में सेशन चेयर पर्सन एवं वैलिडिटी एड्रेस के रूप में रितेश मिश्रा, सी.वी. रमन यूनिवर्सिटी बिलासपुर उपस्थित रही। इस संगोष्ठी में कई प्राचार्य, शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने ऑनलाइन ऑफलाइन मोड पर पेपर प्रस्तुति किया। कार्यक्रम का सम्पूर्ण संचालन जयमाला सिंह सहा. प्राध्यापक द्वारा किया गया।
इस संगोष्ठी में संस्था के अध्यक्ष सह चेयरमैन प्रमेन्द्र तिवारी, डायरेक्टर नरेन्द्र सिंह टूटेजा, बी.एड. की प्रभारी प्राचार्य प्रीति सोनी, सहा प्राध्यापक जयमाला सिंह, उपेन्द्र कुमार रवि, संतोष कुमार रानाडे, अरूण कुमार दुबे, प्रियांशु, अपराजिता कैवर्त्य, किरण सिंह, कंचन सिंह, संगीता तिर्की एवं सभी बी.एड. प्राशिक्षार्थी के सहयोग से कार्यक्रम अपने उद्देश्य की प्राप्ति करते हुए सफलता पूर्वक समापन हुआ।