महासमुन्द
![नए कानून के बारे में दी जानकारी नए कानून के बारे में दी जानकारी](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720020875ag-0014.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बागबाहरा, 3 जुलाई। बागबाहरा के थाना परिसर में तीन नए आपराधिक कानून की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य अलका चंद्राकर, अध्यक्षता के रूप में जनपद पंचायत अध्यक्ष स्मिता चंद्राकर एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में बागबाहरा तहसीलदार लीलाधर कवर, एसडीओपी यूलंडन यार्क, शिव शंकर बंजारे एडीपीओ,भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रेम साहू भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष जसराज बाला चंद्राकर, बागबाहरा थाना प्रभारी प्रवीण चौहान उपस्थित रहे।
थाना परिसर में पुलिस विभाग द्वारा जनता, स्कूली बच्चे, हैवी वाहन चालक, सामाजिक संस्था को आमंत्रित कर नए कानून की जानकारी दी गई।
नए कानून पर केस दर्ज होने की प्रक्रिया को शिव शंकर बंजारे एडीपीओ ने विस्तृत जानकारी दी।
अलका चन्द्राकर जिपं सदस्य ने कहा कि एक जुलाई से देश में आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय लागू हो रहे हैं। जिसमे दंड से न्याय दिलाना प्रमुख लक्ष्य है।
स्मिता चन्द्राकर जपं अध्यक्ष ने कहा कि नया कानून विचार-विमर्श के बाद ही लाए गए हैं। इस नए कानून से केंद्र सरकार का लक्ष्य देश की जनता को न्याय प्रदान करना है। शिवशंकर बंजारे एडीपीओ ने बताया कि नये कानून से मुकदमे जल्दी निपटेंगे, इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों की मदद से मुकदमों का जल्दी निर्णय होगा।
तो निश्चय ही नये कानून से मुकदमे जल्दी निपटेंगे।
इस दौरान आगन्तुकों ने नए कानून के संबंध में पूछा। लखबीर सिंघ छाबड़ा ने पूछा कि पुराने कानून में तारीख पर तारीख मिलता था, समय सीमा नहीं था। इस पर एसडीओपी ने बताया कि नया कानून में आरोपपत्र की भी टाइम लाइन तय है। ऐसे में जांच के नाम पर आरोपपत्र को लटकाया नहीं जा सकता।
वहीं शिव शंकर बंजारे एडीपीओ ने बताया कि नये कानून में केस में दस्तावेजों की प्रक्रिया भी 30 दिन में पूरी करने की बात है। ट्रायल पूरा होने के बाद अदालत से भी जल्द फैसला हो जाएगा।
ड्राइवर संघ की ओर से प्रश्न किया गया कि दुर्घटना हो जाने पर घायल को मदद पहुंचाने के उद्देश्य से गाड़ी रोकते है तो भीड़ मारपीट करती है, ऐसी स्थिति में क्या करेंगे, इस प्रश्न पर एसडीओपी ने कहा कि नए कानून में सुरक्षा के काफी मापदण्ड है, आपके द्वारा की जा रही सहयोग के बदले मारपीट हो रही है तो उन व्यक्तियों के खिलाफ मॉबलिंचिंग धारा 101 के तहत अपराध दर्ज किया जाएगा।
नरेश चंद्राकर द्वारा नए कानून के संबंध में पूछा गया कि क्या प्रार्थी या साक्षी द्वारा दी गई ऑडियो वीडियो की रिकॉर्डिंग क्या माननीय न्यायालय में मान्य रहेगी क्या इसी के आधार पर फैसला होगा। एसडीओपी द्वारा इस प्रश्न पर बताया गया कि पिछले समय में गवाह अपने बयान को न्यायालय बदल दिया करता था जिससे प्रार्थी को उचित न्याय नहीं मिल पाता था। इसी कारण रिकॉर्डिंग को न्यायालय में प्रस्तुत कर आरोप पत्र दाखिल की जाएगी।
नए कानून पर क्षेत्र से पहुंचे लोगों को कार्यक्रम आयोजित विभाग द्वारा संविधान की शपथ दिलाई गई अंत में सभा की समापन राष्ट्रगान के पश्चात की गई।
प्रमुख रूप से नए कानून जानकारी के परिपेक्ष में वरिष्ठ पत्रकार दानवीर शर्मा धनंजय त्रिपाठी, महेश हरपाल, देवेंद्र साहू ,व्यापार प्रमुख में लखबीर छाबड़ा समाजसेवी मदन देवांगन, नरेश चंद्राकर संजय मालवीय आबिद खान रुपेश तिवारी लक्ष्मी सोनी गिरधर शारडा, पार्षद कुलेश देवांगन छोटू बघेल मनता यादव, शिक्षक गण ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रमता डे ,घनश्याम चक्रधारी, एवं स्कूली बच्चों सहित बड़ी संख्या में महिलाएं भी उपस्थिति रहीं।