महासमुन्द
![आरटीई की 4 सीटें घटीं, इस साल जिले में 1672 सीटों में प्रवेश के लिए 3165 आवेदन, 742 रिजेक्ट आरटीई की 4 सीटें घटीं, इस साल जिले में 1672 सीटों में प्रवेश के लिए 3165 आवेदन, 742 रिजेक्ट](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720084577G_LOGO-001.jpg)
1 सीट के लिए 3 बच्चों की दावेदारी, 1240 बच्चों को प्रवेश देने के बाद केवल 432 सीटें ही बचीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,4जुलाई। शिक्षा के अधिकार (आरटीई)के तहत प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के दाखिला की प्रक्रिया शुरु हो गई है। दस्तावेजों की जांच के बाद स्कूलों में एडमिशन कराया जा रहा है। इस साल प्रवेश के लिए जिले में 72 सीटों में प्रवेश पाने के लिए कुल 3165 आवेेदन मिले थे। इनमें से एक तिहाई आवेदन रिजेक्ट हो गए। वहीं अभी तक 1240 बच्चों को एडमिशन दिया जा चुका है। अब केवल 432 सीटें ही खाली बची है। जबकि अभी भी 1183 बच्चों का आवेदन है। इस तरह एक सीट के लिए तीन बच्चों के भाग्य का मुकाबला होगा। पिछले साल 1676 सीटें थी। जबकि इस बार केवल 1672 सीटों पर ही प्रवेश मिलेगा।
अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल से दर्ज संख्या कम होने के चलते सीटें इस बार घटी हंै। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 212 प्राइवेट स्कूल संचालित हैं। निजी स्कूलों में प्रवेश लिए नर्सरी में 885 सीटें हैं। केजी.1 में 767 बटें निधारित की गई हैं। इसी तरह क्लास.1 में केवल 20 सीटें निर्धारित की गई हैं, जो सबसे कम है। इस तरह कुल 1672 सीटों पर बच्चों को प्रवेश मिलेगा। इस बार सभी कक्षाओं के लिए सीटें निर्धारित कर दी गई है। वहीं आरटीई में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोग ही आवेदन कर सकते हैं।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दस्तावेजों की जांच के लिए जिले में 84 नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इनमें प्राचार्य भी शामिल रहेंगे, जो दस्तावेजों की जांच करेंगे। वहीं अधिनियम के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25 फीसदी सीट आरक्षित किया जाना है। लेकिन 212 स्कूलों में से अधिकांश स्कूल में नर्सरी स्तर पर सीट दर्शाए गए हैं। यहां केवल ई.मेल में ही पालक शिकायत कर सकते हैं। लेकिन इसकी प्रक्रिया पता नहीं होने के कारण ग्रामीण इलाके के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नोडल अधिकारी ने बताया कि आवेदन करने के दौरान कई बच्चों का आधार कार्ड, तिथि, राशनकार्ड, सर्वे सूची नहीं होने के कारण रिजेक्ट हुए हैं। इसके अलावा कई लोगों की उम्र ज्यादा होने के बाद भी आवेदन करते हैं। साथ ही कुछ बच्चों का दोबारा फॉर्म भर देते हैं। इसके चलते भी आवेदन रिजेक्ट हो जाते हैं।
च्वाइस सेंटर संचालकों की मानें तो प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन भरने के बाद भी कई बार मोबाइल में ओटीपी नहीं आता है। बहुत बार प्रवेश के लिए पंजीयन करने के बाद लाइट बंद हो जाता है। इससे आवेदन क्रमांक नहीं मिल पाता। जिले में कई पालक ऐसे हैं जो जानकारी के लेने के लिए भटक रहे हैं।
प्रथम चरण में आवेदन 1 मार्च से 15 अप्रैल तक किया गया था। इसके बाद लॉटरी के माध्यम से सीट का आवंटन किया गया। वर्तमान में स्कूलों में 7 जुलाई स्कूलों में दाखिला लिया जा रहा है। इसके लिए अब केवल 4 दिन का समय शेष बचा हुआ है। वहीं दूसरे चरण में आवेदन 1 जुलाई से शुरु होगी। जो 14 जुलाई तके पंजीयन करा सकेंगे। इसके बाद 15 से 21 जुलाई तक दस्तावेजों की जांच किया जाएगा। 23 से 26 जुलाई तक लॉटरी के माध्यम से सीटों का आवंटन किया जाएगा। इसके बाद 29 से 11 अगस्त तक स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा।
जानकारी अनुसार अभी तक विभाग का पोर्टल अपडेट नहीं हुआ है। इसके चलते पोर्टल में गलत आंकड़े दिखाए जा रहे हैं। पोर्टल में अब भी जानकारी आधी-अधूरी है। सीटों की संख्या कम दिखाई जा रही है। विभाग के पोर्टल में किसी भी डेटा की जानकारी सही नहीं दर्शाया गया है। महासमुंद डीईओ मोहन राव सावंत ने बताया कि इस साल सीट संख्या का निर्धारण, प्रवेश संख्या के आधार पर किया गया है।