महासमुन्द
गुहार लगाने के बाद भी मरम्मत नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 27 जुलाई। ग्राम गड़बेड़ा के हायर सेकेंडरी अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी छत का मरम्मत नहीं हुआ है। स्कूल के बच्चे खतरों के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल की छत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। स्कूल की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं। बरसात के दिनों में छत से लगातार पानी रिसने के कारण पंखा लगाने का हुक सड़ सड़ चुका है। इससे पहले भी दो बार पंखा गिरने की घटना भी हो चुकी है। अब तो दीवारों में करंट भी आना शुरू हो चुका है। पालक और शिक्षक सालों से उच्चाधिकारियों इसकी जानकारी दे रहे हैं।
गड़बेड़ा स्कूल के प्राचार्य नंदकुमार चौधरी ने बताया कि एक वर्ष पूर्व जनपद के इंजीनियर द्वारा स्कूल की छत का नापजोख करके ले गए थे, लेकिन अब तक इस्टीमेट बनाकर नहीं दिए हैं। जिसके चलते वे विभाग में प्रस्ताव नहीं दे पा रहे। उनका कहना है कि बारिश के दौरान स्कूल के चार कमरों में कक्षा लगाना संभव नहीं हो पाता। इसलिए बच्चों को दूसरे कमरे में शिफ्ट करना पड़ता है। इससे 12 वीं के बच्चों की पढ़ाई विशेष रूप से प्रभावित हो जाती है।
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2011 में इस स्कूल भवन का निर्माण हुआ है। स्कूल में 8 कमरे बने हुए हैं। इस वर्ष अभी तक 220 बच्चों का एडमिशन हो चुका है। गुणवत्ताहीन निर्माण के चलते इन 13 वर्षों में ही स्कूल भवन जर्जर हो चुका है। जिसकी मरम्मत के लिए पिछले तीन वर्षों से उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया जा रहा है। लेकिन अब तक भवन की मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो पाया है। जिसके चलते बरसात सात के दिनों में छत से पानी टपक रहा और दीवारें भी कमजोर हो चुकी है। हद तो तब हो गई जब शुक्रवार को बच्चों ने पंखा चालू करना चाहा तो दीवार में करंट फैल गया।
पिथौरा बीईओ केके ठाकुर ने मीडिया को बताया है कि गड़बेड़ा स्कूल के हालात उनके संज्ञान में है। जनपद के इंजीनियर द्वारा जब तक इस्टीमेट बनाकर नहीं देंगे,तब तक प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग पाएगी। वे शीघ्र ही जनपद सीईओ से इस बारे में चर्चा करेंगे। ताकिए आने वाले सत्र से पूर्व स्कूल की मरम्मत हो जाए। तब तक हमारी कोशिश रहेगी कि बच्चों की पढ़ाई किसी तरह प्रभावित न हो। इस बारे में प्राचार्य से भी चर्चा कर उचित समाधान निकाला जाएगा।