धमतरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 18 जून। सरकारी निर्माण कार्यों के अंतिम भुगतान के लिए खनिज चुकता प्रमाण पत्र लाने की असमर्थता एवं जटिलताओं से अवगत कराते हुए धमतरी शहर कांग्रेस के पूर्व महामंत्री तारिक़ रज़ा क़ादरी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ‘खनिज चुकता प्रमाण पत्र’ की अनिवार्यता समाप्त करने का निवेदन किया है।
उन्होंने कहा कि हमारी कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में निरंतर जनहितैषी निर्णय ले रही है, जिसका सीधा लाभ छत्तीसगढ़ की जनता को प्राप्त हो रहा है।
अपने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया है कि पूरे प्रदेश में खनिज चुकता प्रमाण पत्र न ला पाने के कारण लाखों के कार्यों का अंतिम भुगतान नहीं हो पा रहा है, जबकि ठेकेदार के चल देयकों में से (निर्माण कार्य में उपयोग की गई खनिज सामग्री) रॉयल्टी राशि की कटौती कर खनिज विभाग में संबंधित विभाग द्वारा जमा करा दी जाती है, और ठेकेदारों का अंतिम भुगतान रोक दिया जाता है। मात्र खनिज चुकता प्रमाण पत्र के बिना ठेकेदार भाइयों का अंतिम भुगतान न किया जाना न्याय संगत नहीं है। खनिज विभाग की जटिल औपचारिकताओं की पूर्ति नहीं कर पाने से छोटे ठेकेदार खनिज चुकता प्रमाण पत्र लाने में असमर्थ हो जाते हैं। यह भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा कारण है।
पिछले कई वर्षों से लाखों के कार्यों का अंतिम भुगतान नहीं हो पाया है। अंतिम भुगतान नहीं होने के कारण संबंधित विभागों को फाइल को व्यवस्थित एवं सुरक्षित रखने में काफी दिक्कत ेंहो रही है एवं फाइल गुम हो जाने की भी शिकायतें मिलती रहती हैं।
लोक निर्माण विभाग में यह व्यवस्था है कि रॉयलटी राशि की कटौती कर बिल फाइनल कर दिया जाता है। इसी प्रकार की व्यवस्था नगर पालिका निगम, ग्रामीण यांत्रिकीय एवं अन्य निर्माण एजेंसियों में किया जाना उचित होगा।
कोरोना काल में बहुत सारे ठेकेदारों का भुगतान समय पर नहीं हो पाया है। इस समय यह व्यवस्था होती है तो निश्चित ही छत्तीसगढ़ के ठेकेदारों को वर्तमान एवं भविष्य में आर्थिक राहत प्राप्त होगी। तारिक ने कहा कि हमारा नारा है कि ‘भूपेश है तो भरोसा है’। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि मुख्यमंत्री इस विषय में विचार करते हुए निर्माण कार्यों के अंतिम भुगतान में खनिज चुकता प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर देयकों में से रॉयलटी राशि की कटौती कर अंतिम भुगतान की व्यवस्था लागू करेंगे।