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![ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत : अहम सवालों के जवाब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत : अहम सवालों के जवाब](https://dailychhattisgarh.com/uploads/article/1716193331c328300-164e-11ef-a5f9-c9e97f2e93cf.jpg)
दुर्घटना इस जगह पर होने की आशंका जताई जा रही है
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई है।
ये हेलिकॉप्टर रविवार को दुर्घटना का शिकार हुआ था।
ईरान के सरकारी मीडिया के मुताबिक, दुर्घटना का शिकार हुए हेलिकॉप्टर में किसी की जिंदगी बचने के कोई संकेत नहीं मिले।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, एक ईरानी अधिकारी ने बताया कि क्रैश में हेलिकॉप्टर पूरी तरह से जल गया है।
बचावकर्मी सोमवार सुबह घटनास्थल तक पहुँचे थे। ईरान की रेड क्रिसेंट सोसाइटी के प्रमुख ने कहा था कि हालात अच्छे नहीं हैं।
ये दुर्घटना जिस जगह पर हुई है, वहाँ मौसम काफ़ी खऱाब है। इस वजह से रेस्क्यू टीमों को घटनास्थल तक पहुँचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर का पता लगाने के लिए तुर्की ने अपने ड्रोन भेजे थे। तुर्की की न्यूज एजेंसी अनादोलू ने एक जगह पर हीट ऑफ सोर्स के पता चलने की तस्वीरों को साझा किया था।
हीट ऑफ सोर्स यानी किसी जगह से आग या ज़्यादा ताप का उठना। जैसा किसी हेलिकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर वहां से उठने वाली आग या धुंआ।
तुर्की को मिली इस जानकारी को ईरान के साथ साझा किया गया। अनादोलू ने ड्रोन के रात के वक्त रिकॉर्ड किए एक वीडियो को भी जारी किया।
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक जगह पर काला धब्बा दिख रहा है।
इस रिपोर्ट में पढि़ए उन सवालों के जवाब जो शायद आपके मन में हो सकते हैं।
हेलिकॉप्टर में कौन-कौन था?
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मलिक रहमती, पायलट, सुरक्षा प्रमुख समेत क्रू।
हेलिकॉप्टर कहां क्रैश हुआ और रईसी जा कहाँ रहे थे?
राष्ट्रपति रईसी अजरबैजान में किज कलासी और खोदाफरिन बांध का उद्घाटन करने गए थे। इस उद्घाटन के बाद वो तबरेज शहर की ओर जा रहे थे।
तबरेज ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत की राजधानी है। इसी दौरान रास्ते में किसी जगह पर हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ। जहां हेलीकॉप्टर ने हार्ड लैंडिंग की, वह इलाक़ा तबरेज शहर से 50 किलोमीटर दूर वर्जेकान शहर के पास है।
मलबा मिलने में देरी क्यों हुई
जिस जगह हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, वहां काफी धुंध बताई जा रही है।
बचाव दल के साथ मौजूद एक रिपोर्टर ने बताया था- पहाड़ी और इस घने जंगल में विजिबिलिटी सिर्फ पांच मीटर तक की ही है।
कौन से देश रेस्क्यू के लिए आगे आए?
तुर्की ने ड्रोन से घटनास्थल के बारे में जानकारी दी।
रूस के सरकारी मीडिया के मुताबिक़, बचाव के लिए 47 विशेषज्ञों की टीम और एक हेलिकॉप्टर को भेजा गया।
यूएई ने भी मदद की पेशकश की थी।
क्या हेलिकॉप्टर क्रैश के पीछे
किसी तरह की कोई साजि़श है?
अमेरिका के सीनेटर चक शूमर ने कहा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों से हुई बातचीत ये बताती है कि अभी ऐसे कोई सबूत नहीं हैं, जिसके आधार पर साजिश की बात कही जा सके।
शूमर ने कहा कि हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा- नॉर्थ वेस्ट ईरान जहाँ ये हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, वहाँ मौसम बहुत खऱाब था। ऐसे में ये हादसा लगता है, मगर इसकी पूरी तरह से जाँच बाकी है।
कुछ ईरानी सोशल मीडिया पर ये सवाल उठा रहे हैं कि ये कैसे संभव हुआ कि काफिले के दो हेलिकॉप्टर सही सलामत पहुंच गए और रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश का शिकार हुआ।
आखिरी बार रईसी किसके साथ देखे गए?
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने उड़ान भरने से पहले अजऱबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव के साथ ही दोनों देशों की सीमा पर बांध का उद्घाटन किया था। इन दोनों की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है।
राष्ट्रपति अलियेव ने कहा था कि संकट की इस घड़ी में अजऱबैजान ईरान की हर मदद करने के लिए तैयार है।
भारत की प्रतिक्रिया क्या है?
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत की खबर से स्तब्ध और उदास हूं। भारत-ईरान के रिश्तों को मजबूत करने के लिसए उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। ईरान के लोगों और रईसी के परिवार से शोक प्रकट करता हूं। इस दुख की घड़ी में ईरान भारत के साथ खड़ा है।’
पाकिस्तान ने क्या कहा?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा, ‘माननीय राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बारे में ईरान से परेशान करने वाली खबर सुनी। बड़ी चिंता के साथ खुशखबरी का इंतजार कर रहा हूं कि सब ठीक है। हमारी दुआएं और शुभकामनाएं माननीय राष्ट्रपति रईसी और पूरे ईरानी राष्ट्र के साथ हैं।’
अमेरिका क्या बोला?
अमेरिका के विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा है कि वो ईरान के राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर के क्रैश होने की रिपोर्टों पर नजर रखे हुए हैं।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह
खामेनई ने क्या कहा?
अयातोल्लाह खामेनई ने कहा- ईरान का प्रशासन इस हादसे से प्रभावित नहीं होगा। लोग चिंता ना करें, सरकार के काम प्रभावित नहीं होंगे।
हादसे के बाद ख़ामेनई ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के साथ आपात बैठक भी की है।
रईसी को कुछ हुआ तो आगे क्या होगा?
बीबीसी की चीफ अंतरराष्ट्रीय संवाददाता लुइस डोकेट के मुताबिक, रईसी के मारे जाने की स्थिति में ईरान की विदेश या घरेलू नीतियों पर कम ही असर पडऩे वाला है।
ईरान में सुप्रीम नेता के पास ही सबसे ज़्यादा ताक़त होती है। सुप्रीम नेता ही नीतियों को तय करता है। हालांकि रईसी को खामेनई के उत्तराधिकारी के तौर पर भी देखा जा रहा था।
बीबीसी फारसी सेवा के जियार गोल के मुताबिक, रईसी को ईरानी गंभीरता से नहीं लेते, इसी कारण 2022 में जब विरोध प्रदर्शन हुए, तो उसमें रईसी के खिलाफ नारे कम ही सुनाई दिए। प्रदर्शनकारियों के निशाने पर तब खामेनई रहे थे।
मध्य-पूर्व मामलों के जानकार जेसन के मुताबिक, रईसी की मौत होने पर सुप्रीम नेता कुर्सी पर बने रहेंगे।
ईरान के संविधान के अनुच्छेद 131 के मुताबिक, अगर राष्ट्रपति की मौत होती है या वो पद से हटते हैं, ऐसी स्थिति में उपराष्ट्रपति (मोहम्मद मुखबर) चुनाव होने तक राष्ट्रपति बन जाएंगे। नया राष्ट्रपति 50 दिनों के अंदर चुना जाना होगा।
इब्राहिम रईसी के बारे में कुछ ख़ास बातें क्या हैं?
इब्राहिम रईसी 63 साल के थे।
रईसी का जन्म साल 1960 में उत्तर पूर्वी ईरान के पवित्र शहर मशहद में हुआ था। इसी शहर में शिया मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र मानी जाने वाली मस्जिद भी है। वे कम उम्र में ही ऊंचे ओहदे पर पहुंच गए थे।
रईसी के पिता एक मौलवी थे। रईसी जब सिफऱ् पाँच साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया था।
वो धार्मिक स्कॉलर, वकील भी रहे।
शिया धर्म गुरुओं के पदानुक्रम में वे धर्मगुरू अयातोल्लाह से एक क्रम नीचे माने जाते थे।
इब्राहिम रईसी ने जब जून 2021 में ईरान की सत्ता संभाली तब उनके सामने घरेलू स्तर पर कई चुनौतियां थीं।
रईसी ने अपने पिता के रास्ते पर चलते हुए 15 साल की उम्र से ही क़ोम शहर में स्थित एक शिया संस्थान में पढ़ाई शुरू कर दी थी।
सिर्फ 20 साल की उम्र में ही उन्हें तेहरान के कऱीब स्थित कराज का महा-अभियोजक नियुक्त कर दिया गया था।
साल 1989 से 1994 के बीच रईसी, तेहरान के महा-अभियोजक रहे और इसके बाद 2004 से अगले एक दशक तक न्यायिक प्राधिकरण के डिप्टी चीफ रहे।
साल 2014 में वो ईरान के महाभियोजक बन गए थे। ईरानी न्यायपालिका के प्रमुख रहे रईसी के राजनीतिक विचार ‘अतिवादी’ माने जाते थे।
रईसी जून 2021 में उदारवादी हसन रूहानी की जगह इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के राष्ट्रपति चुने गए थे। (bbc.com/hindi)