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बाइडन की दावेदारी पर सवाल लेकिन अब भी उनके साथ क्यों डटे हैं कई डेमोक्रेट्स?
13-Jul-2024 3:25 PM
बाइडन की दावेदारी पर सवाल लेकिन अब भी उनके साथ क्यों डटे हैं कई डेमोक्रेट्स?

 मेडलिन हेलपर्ट-बृजेश उपाध्याय

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। बाइड़न राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा उम्मीदवारी से पीछे हटने से लगाातर इंकार कर रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बड़ी तादाद में उनके अपने यानी डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक उन्हें किसी दूसरे उम्मीदवार के लिए रास्ता साफ़ करने के लिए कह रहे हैं।

शुक्रवार को जब बाइडन मिशिगन प्रांत के डेट्रॉयट की रैली को संबोधित करने मंच पर पहुंचे तो उनका सामना अब तक की सबसे उद्दंड भीड़ से हुआ। लोग चिल्ला रहे थे- ‘आप छोड़ नहीं रहे हैं।’

हालांकि वहां उनके सैकड़ों समर्थक भी मौजूद थे जो उनका उत्साह बढ़ा रहे थे। उनके बीच बाइडन कह रहे थे,‘मैं लड़ रहा हूं और मैं जीतूंगा।’

मंच छोडऩे के साथ ही टॉम पेटी के हिट गाने ‘आई वोन्ट बैक डाउन’ की धुन बजने लगी। जो शायद उन डेमोक्रेटिक पार्टी के निर्वाचित सदस्यों को सुनाने के लिए था, जो बाइडन को बढ़ती उम्र की वजह से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की रेस से हटने के लिए कह रहे हैं।

बाइडन की उम्र को लेकर हाल में कई राजनीतिक नेताओं, डेमोक्रेटिक पार्टी के डोनर्स और एक लिबरल अभिनेता के बयान सुर्खियों में रहे हैं लेकिन ऐसे डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं की एक लंबी सूची है, जो अब भी उनकी दावेदारी का समर्थन कर रहे हैं।

कम से कम 80 डेमोक्रेटिक नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर 81 साल के बाइडन का समर्थन किया। कई और भी नेता हैं जो उनका समर्थन करने जा रहे हैं।

कइयों का मानना है कि बाइडन का राजनीतिक रिकॉर्ड, उनकी सिद्धांत की राजनीति और 2020 में ट्रंप को मात देना, किसी डिबेट या सार्वजनिक मंच पर खराब प्रदर्शन या स्वास्थ्य समस्याओं से होने वाले किसी नुक़सान से ज्यादा मायने रखता है।

बाइडन की तारीफ़ में क्या कह रहे हैं समर्थक

गुरुवार को साल की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाइडन ने नेटो और अपनी दूसरी पारी की योजनाओं पर विस्तार से जवाब दिए। लेकिन कई अख़बारों और चैनलों पर उनका उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति ट्रंप कहना सुर्खय़िों में आ गया।

लेकिन उनके समर्थकों ने फिलहाल मुश्किल में फंसे अपने 'कमांडर-इन-चीफ’ के प्रदर्शन की तारीफ ही की है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को दो करोड़ तीस लाख से ज्यादा लोगों ने लाइव देखा। ये संख्या इस साल ऑस्कर को लाइव देखने वालों से ज्यादा है।

नॉर्थ कैरोलिना के गवर्नर ने पत्रकारों से कहा, ‘मेरा मानना है उन्होंने विदेश नीति पर अपनी शानदार पकड़ दिखाई। उनका प्रदर्शन असाधारण था। मुझे नहीं लगता है कि ट्रंप विदेश नीति पर बिना अटके एक मिनट भी बोल सकते हैं।’

कैलिफोर्निया के गवर्नर और बाइडन के विकल्प के तौर पर देखे गए गेविन न्यूसॉम ने सीबीएस से कहा कि वो बाइडन के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनके और बाइडन के बीच अब काफी कम मतभेद हैं। पेनसिल्वेनिया के कांग्रेस सदस्य ब्रेन्डन बॉयव ने कहा, ‘बाइडन ने ये दिखा दिया कि वो नीतियों के बारे में ‘दोषी साबित हो चुके ठग’ ट्रंप से दस लाख गुना ज्यादा जानते हैं।’

विशेषज्ञों का कहना है कि इन राजनीतिक नेताओं के पास बाइडन को समर्थन करने की कई वजहें हैं। वो पद पर रहते हुए उनके रिकॉर्ड और 2020 में ट्रंप के खिलाफ जीत के साथ एक नए उम्मीदवार की तरह बिल्कुल नजदीक आ गए चुनाव में उतरने की उनकी इच्छाशक्ति का हवाला देते हैं।

डेमोक्रेटिक पार्टी के एक रणनीतिकार सिमोन रोजेनबर्ग कहते हैं, ''राष्ट्रपति ने ये साफ कर दिया है कि वो राष्ट्रपति पद के लिए रेस में बने रहना चाहते हैं। और मुझे लगता है कि लोग इसका सम्मान करते हैं।’

उन्होंने कहा,‘ये भी सच है कि हमारे सिस्टम में राष्ट्रपति पद के लिए अब जाकर यानी इतनी देर में किसी उम्मीदवार को बदलना मुश्किल होगा। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। इसलिए इस समय बड़े बदलाव की बात नहीं हो रही है।’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए कौन नया उम्मीदवार हो सकता है उस पर ‘खुली और अच्छी बहस’ हुई है।’

क्यों बताया जा रहा है बाइडन को सबसे मुफीद उम्मीदवार

हालांकि कई समूहों ने कहा है कि बाइडन सबसे मुफ़ीद उम्मीदवार हैं। इनमें कांग्रेस का हिस्पैनिक कॉकस भी शामिल हैं। कांग्रेस में इसके 40 सदस्य हैं। इसके अलावा कांग्रेस में 60 सदस्यीय ब्लैक कॉकस भी बाइडन की उम्मीदवारी के समर्थन में हैं। बाइडन इस सप्ताह इस कॉकस से मिल चुके हैं।

ओबामा के चुनावी अभियान में सलाहकार रह चुकीं अमीशा क्रॉस ने कहा कि ब्लैक कॉकस और कई ब्लैक वोटर बाइडन को एक ऐसे राष्ट्रपति के तौर पर देखते हैं जो मानवाधिकारों के लिए प्रतिबद्ध हैं, जबकि ट्रंप के साथ ऐसी बात नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘उन्हें पता है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की संभावना के साथ क्या दांव पर लगा है। ट्रंप ऐसे शख़्स हैं जो विविधता, समानता और समाज में समावेश की कोशिश के ख़िलाफ़ खड़ा है।’’

कई वामपंथी नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर बाइडन का समर्थन किया है। इनमें न्यूयॉर्क से कांग्रेस सदस्य ओकेसिया कोर्टेज़ और वर्मोंट की सीनेटर बर्नी सेंडर्स भी शामिल है। वो सैंडर्स जिन्होंने बाइडन के एक एजेंडे की ये कह कर आलोचना की थी कि ये कुछ ज्यादा ही उदारवादी है।

क्रॉस कहती हैं कि कई लोग ये मानते हैं कि ट्रंप आए तो मानवाधिकार, एलजीबीटीक्यू अधिकारों और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को लेकर दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।

उन्होंने कहा, ‘ये वो मुद्दे हैं जो प्रगितशील वामपंथ के लिए मायने रखते हैं और राष्ट्रपति बाइडन ने इनके लिए काम किया है।’

हालांकि अब तक बाइडन के लिए जो समर्थन दिखा है वो ऐसे राजनीतिक नेताओं का है जो चुनाव की दृष्टि से सुरक्षित समझे जाने वाले जिलों से दोबारा चुन कर आने की ख्वाहिश रख रहे हैं।

उनकी तुलना में कुछ ऐसे लोग हैं जो ये मानते हैं कि बाइडन चुनौतीपूर्ण सीटों पर उनका मुकाबला कठिन बना सकते हैं।

डेमोक्रेटिक पार्टी के रणनीतिकार सिमॉन रोज़ेनबर्ग ने कहा कि व्हाइटस हाउस को उनकी चिंताओं का ध्यान रखना चाहिए और इसका समाधान ढूंढना चाहिए। वह कहते हैं, ‘मेरा मानना है कि ये काम आक्रामक ढंग से करना चाहिए।’

हालांकि इधर, बड़े ज़ोर-शोर से बाइडन को रेस से हटने को कहा जा रहा है लेकिन हाल के कई सर्वे ये संकेत देते दिख रहे हैं कि उन्होंने वोटरों का ज्यादा समर्थन नहीं खोया है।

बाइडन को लेकर उत्साहित हैं फंड जुटाने वाले

बाइडन के प्रचार अभियान ने हाल में ‘वॉशिंगटन पोस्ट, एबीसी न्यूज और इप्सोस ने एक सर्वे का हवाला दिया है, जिसमें दिखाया गया है ट्रंप और उनके बीच लगभग बराबरी का मुकाबला है। ये नतीजे डिबेट से पहले के रिजल्ट जैसे ही हैं। लेकिन सर्वेक्षणों के मुताबिक दो तिहाई अमेरिकी चाहते हैं कि बाइडन अलग हट जाएं।

हॉलीवुड के कुछ संभ्रांत लोगों के बीच बाइडन का समर्थन कुछ घटा है।

एक्ट्रेस एश्ले जुड ने यूएसए टुडे के ओप-एड पेज पर लेख लिख कर बाइडन को रेस से हटने को कहा है। उन्होंने लिखा है डेमोक्रेटिक पार्टी को एक ‘मजबूत’ उम्मीदवार की जरूरत है। इससे पहले इस सप्ताह जॉर्ज क्लूनी बाइडन के बारे में एक ओपिनियन पीस लिख चुके थे।

डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए लंबे समय तक फंड दे रही व्हिटनी टिलसन ने भी बाइडन को लेकर निराशा जाहिर की है। उन्होंने शुक्रवार को बीबीसी से कहा कि उन्होंने अब इस बात का विश्वास होता जा रहा है कि बाइडन रेस से हट जाएंगे।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक़ डेमोक्रेटिक पार्टी को कुछ अन्य डोनर्स ने बाइडन के समर्थन में फंड जुटाने वाले समूह फ्यूचर फारवर्ड से कहा कि नौ करोड़ डॉलर का फंड रोक कर रखा गया है। वो बाइडन के हटने का इंतजार कर रहे हैं।

हालांकि डेमोक्रेटिक पार्टी के शीर्ष डोनर्स उनके साथ टिके हुए हैं।

डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए पिछले दो दशकों से फंड जुटाने वाले शेखर नरसिम्हन ने कहा कि उनकी योजना नहीं बदली है।

उन्होंने कहा, ‘जो हो रहा है वो हमारी आंखें देख रही हैं। कान सुन रहे हैं कि क्या बातें हो रही हैं। लेकिन हम चुपचाप सिर झुका कर काम पूरा करने में लगे हैं।’’

नरसिम्हन ने कहा, ‘ये राष्ट्रपति को तय करना है कि वो रेस में शामिल होंगे ये नहीं। लेकिन वो जो भी फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं।

नरसिम्हन बोले वो इस विश्वास से बाइडन का समर्थन कर रहे हैं कि वो जीत रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘इस चुनाव में हार-जीत मिशिगन, पेनसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन में 50 हजार से भी कम वोटों के अंतर से तय हो जाएगी। हमारी यहां ज़मीनी स्थिति मजबूत है। हमारे पास जीत के संसाधन भी हैं।’’(bbc.com/hindi)

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