विचार / लेख
अब से चंद घंटों के बाद पेरिस ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी होने जा रही है।
दिलचस्प बात ये है कि अलग से आयोजन स्थल बनाने के बजाय लोगों तक खेलों को पहुँचाने के लिए शहर के बीच में ये आयोजन हो रहे हैं।
इस मामले में ये संस्करण काफी अलग होने जा रहा है।
नए आयोजन स्थल बनाने की जगह पेरिस शहर ख़ुद ही आयोजन स्थल बन गया है।
नए बुनियादी ढांचे के निर्माण पर पैसे न खर्च करके, बजट का उपयोग मौजूदा बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और शहर के प्रसिद्ध स्थलों के साथ अस्थायी स्थान बनाने में किया गया है।
आइफल टावर जो इंजीनियरिंग का चमत्कार है और दुनिया भर के पर्यटकों को लुभाता है, उसके ठीक बगल में बीचबॉल एक्शन होगा।
ओलंपिक का उद्घाटन समारोह ठीक सीन नदी पर आयोजित किया जाएगा।
अब से 100 साल पहले पेरिस ने अपने पिछले ओलंपिक की मेजबानी की थी। तब वैश्विक खेल आयोजित करने का विचार काफी हद तक शांति को बढ़ावा देने और दुनिया को एकजुट करने के उद्देश्य से था। विचार तो कायम है लेकिन खेलों में उत्कृष्टता की अहमियत और ज़्यादा बढ़ गई है।
ताकत और वैभव प्रदर्शित करने का जरिया?
खेल अब एक प्रभावी शक्ति परीक्षण का जरिया बनते जा रहे हैं। 1924 में पेरिस में 44 देशों के 3 हज़ार से ज़्यादा एथलीट्स आए थे और अब ‘रोशनी का शहर’ और ‘फैशन का शहर’ लगभग 11 हज़ार एथलीट की मेजबानी कर रहा है।
आयोजन समारोह से जुड़े और हाल ही तक पेरिस के शहरी नियोजन के लिए उप महापौर रहे इमैनुएल ग्रेगोइरे कहते हैं, ‘हमने ओलंपिक को शहर के परिवर्तन में तेज़ी लाने के एक बड़े मौक़े के तौर पर देखा है। हमने सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक परिवहन, नदी वगैरह को बदल दिया है। अगर खेल नहीं होते तो इन सब बदलावों को होने में एक या दो दशक और लग जाते।’
लोगों की दिक्क़तें
हालांकि, इन व्यवस्थाओं की कीमत स्थानीय लोगों को चुकानी पड़ रही है। ओलंपिक के आयोजन के कारण अब लोगों के लिए आजादी से शहर में घूमना फिरना और इधर-उधर जाना बहुत मुश्किल हो गया है।
अब शहर में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए स्थानीय लोगों को, बकायदा कारण बताना होगा और अधिकारी जब उस कारण से संतुष्ट होंगे तभी उन्हें इजाजत मिलेगी।
पेरिस के स्थानीय निवासी जॉन कहते हैं, ‘न्यू पेरिस में प्रवेश करने के लिए आपके पास एक मजबूत कारण होना चाहिए। आपको एक अनुरोध करना होगा और अगर मंज़ूरी मिल जाती है तो आपको एक क्यूआर कोड मिलेगा, जिसके साथ आप शहर में प्रवेश करेंगे। ’
बहुत से लोगों को शहर छोडऩे के लिए कहा गया है, ख़ासकर उन लोगों को जो आयोजन स्थलों के पास रह रहे हैं। ओलंपिक स्थलों के पास की इमारतों का उपयोग अब आयोजकों द्वारा किया जा रहा है। अधिकतर सुरक्षा कर्मचारी इनका उपयोग कर रहे हैं।
आयोजकों ने उद्घाटन समारोह के लिए दो लाख लोगों को आमंत्रित किया है। कुछ आमंत्रण वहां के चुनिंदा निवासियों और स्थानीय खेल प्रशासकों को भेजे गए हैं।
खेलों को आयोजित करने में एक ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ मॉडल के आधार पर प्लानिंग की गई है। जिसका मतलब है कि मौजूदा सामग्री को साझा करना, पट्टे पर देना, नवीनीकृत करना।
कम संसाधन, बेहतर उपयोग
एक अनुमान के मुताबिक खेलों के दौरान करीब 20 लाख उपकरण इस्तेमाल किए जाएंगे। इनमें से 15 लाख खेल महासंघों द्वारा या तो किराए पर दिए जा रहे हैं या उधार लिए जा रहे हैं।
यहां तक कि उपयोग किए जाने वाले कंप्यूटर और प्रिंटर भी किराए पर लिए गए हैं।
बेहतर इस्तेमाल के लिए कम संसाधनों की नीति का पालन करते हुए, फर्निचर की संख्या भी शुरुआत में अनुमानित आठ लाख से घटाकर छह लाख कर दी गई है।
इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों का उपयोग किया जाएगा और पिछले संस्करणों की तुलना में इनकी संख्या 40 प्रतिशत तक कम कर दी गई है। जनरेटर भी जैव ईंधन, हाइड्रोजन या बैटरी संचालित होंगे।
ओलंपिक के लिए 35 प्रतियोगिता स्थलों में से केवल दो ही ऐसे हैं, जिन्हें नए सिरे से बनाया गया है। उनमें से एक है- द एक्वेटिक्स सेंटर, जिसे लकड़ी का उपयोग करके बनाया गया है, ताकि कार्बन उत्सर्जन कम हो।
आयोजन स्थल की सीटें रीसाइकिल्ड प्लास्टिक से बनाई गई हैं और इसे रणनीतिक रूप से ऐसे स्थान पर बनाया गया है, जहां शहर में खेल के बुनियादी ढांचे की कमी थी। दूसरा नया स्थल पोर्टे डे ला चैपल एरेना है।
लैंगिक समानता
पहली बार, 10,500 एथलीटों में से आधी महिलाएं होंगी, जो लैंगिक समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। टोक्यो में पिछले संस्करण में, महिला एथलीटों की संख्या कुल प्रतिभागियों का 47.8 प्रतिशत थी।
1972 के म्यूनिख खेलों तक महिलाओं की भागीदारी 20 प्रतिशत से भी कम थी। पेरिस खेलों का पारंपरिक समापन समारोह में पुरुषों के बजाय महिलाओं की मैराथन होगी और इस संस्करण में 32 में से 28 खेलों में पुरुष और महिलाओं, दोनों ही हिस्सा ले रहे हैं। (bbc.com/hindi)