विचार / लेख

मसला ए महबूबा मुफ्ती
15-Dec-2020 7:27 PM
मसला ए महबूबा मुफ्ती

-प्रकाश दुबे
महबूबा मुफ्ती अफसोस कर रही हैं। किस बुरी साइत में जम्मू-कश्मीर राज्य की मुख्यमंत्री बनी थीं? अब जम्मू-कश्मीर नीचे फिसल कर केन्द्रशासित इकाई रह गया। कश्मीर घाटी में जिला विकास परिषद के चुनाव के प्रचार के दौरान मुफ्ती घर कैद हैं। उनकी शिकायत है कि मुझे तीसरी बार गैरकानूनी तरीके से पकड़ कर आवाजाही रोकी। पहलगाम जाकर मुफ्ती ने घुमंतू समुदायों को घर से बेदखल करने का विरोध किया था। गुलमर्ग के रास्ते में आने वाले बडग़ाम जाकर बंजारों को बेदखल करने का विरोध करने वाली थीं। विशेष सुरक्षा समूह के निदेशक ने चिट्ठी थमा कर चुनाव संपन्न होने तक दौरे रूकवा दिए। हाथ जोडक़र प्रचार के लिए निकलने की अनुमति मांगती महबूबा को सुरक्षाकर्मी घर के अंदर ठेलकर राज्य के चुनाव आयुक्त का फरमान याद दिलाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा के खास इंतजाम करने का आदेश चुनाव आयुक्त शर्मा ने जारी किया था। भाजपा के कंधे पर बैठकर मुख्यमंत्री बनी महबूबा रुआंसी होकर शिकायत करती हैं-केन्द्रीय मंत्री प्रचार करते घूम रहे हैं। मुझ (पूर्व मुख्यमंत्री) को रोकते हो।

आमदनी अठन्नी
लोग आत्मनिर्भर बनने की होड़ में शामिल हैं। खाली खजाने को भरने की जिम्मेदारी एजेंसियां भी अपने तरीके से सहयोग कर रही हैं। कोरोना महामारी के सहित रोग राई का ऐसा बुरा हमला हुआ कि झाड़- फूंक बेअसर है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन पूरी ताकत से मंत्र फूंक रही हैं। आयकर विभाग की उगाही के आंकड़े देखने के बावजूद वे अब तक होशोहवास में हैं, यही बड़ी बात है। कल कारखानों और कारोबार के ठिकानों को मानो पाला मार गया है। देश की व्यापारधानी मुंबई नगरी में फिल्म क्षेत्र है। बैंकों, अंबानी, टाटा सहित कई नामी समूहों का मुख्यालय है। इसके बावजूद पिछली वसूली की तुलना में एक रुपया अधिक नहीं मिला। आयकर वसूली में सौ फीसद घाटा है। ऐसा नहीं कि मंत्री या वित्त मंत्रालय को इसका अंदेशा नहीं था। ऊपर से चेतावनी मिली इसलिए गुजरात सहित कुछ राज्यों के कुशल आयकर अधिकारियों को मुंबई समेत महानगरों में भेजा गया। दिल्ली देश की राजधानी है। वसूली की बदहाली में मुंबई से पीछे नहीं रही।

विजया कर्तव्य
दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने की चाहत में किरण बेदी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं। विधानसभा का चुनाव हारीं। पुदुचेरी की उपराज्यपाल बनकर मुख्यमंत्री पर पुलिसिया रोब चला रही हैं। किरण के पुलिस कारनामों पर बनी फिल्म कर्तव्यम में भूमिका निभाकर विजयाशांति तमिल, तेलुगु और हिंदी फिल्मों में सफल रहीं। कमाई की। पुरस्कार मिले। 23 बरस पहले विजयाशांति भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर महिला मोर्चा की सचिव बनीं। कुर्सी की चाहत में छलांग मारकर चंद्रशेखर राव की सहयोगी बनीं। तंलंगाना राज्य बनने के बाद चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री बने। विजया को पार्टी से निकाल दिया। हैदराबाद नगर निगम चुनाव के नतीजों से भाजपा और विजया दोनों उत्साहित हैं। विजया ने भाजपा में घर वापसी की। चंद्रशेखर राव की कुर्सी छीनने की कसम खाकर। किरण बेदी वाला हश्र होने का खतरा उठाते हुए।  इसके बावजूद भाजपा ने राव की शांति तो फिल्हाल छीन ली। 
 
जय गुरुदेव
अनुशासित स्वयंसेवक की तरह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय का जिम्मा संभालने वाले डॉ. हर्ष वर्धन ने उत्तर को दक्षिण से जोडऩे राजीव गांधी जैव प्रौद्योगिकी केन्द्र का केरल में नया परिसर शुरु कराया। दो विचारों के बीच सेतु बनाने की कल्पना सूझी। राजीव गांधी का नाम हटाने से बेवजह होहल्ला मचने का अंदेशा था। इसलिए माक्र्सवादी सरकार वाले केरल राज्य में नए परिसर का नामकरण श्री गुरुजी माधव सदाशिव गोलवलकर राष्ट्रीय केन्द्र कर दिया। कुछ लोग गोलवलकर जी की विचारधारा नहीं मानते और कुछ नहीं जानते कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दूसरे सरसंघचालक ने प्राणीविज्ञान की पढ़ाई की थी। दक्षिणा में एकलव्य की तरह अंगूठा कटने का डर बना रहता है। केरल में नामकरण पर बखेड़ा खड़ा हो गया। किसी ने हिटलर की याद दिलाई। किसी ने गांधी को। मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिक के नाम पर केन्द्र का नामकरण करने की मांग करते हुए डॉ.हर्षवर्धन को चिट्ठी लिखी है।  
(लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)

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