राजनांदगांव
मोंगरा से 22, सूखानाला और घुमरिया बैराज से छोड़ा गया 2-2 हजार क्यूसेक पानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 12 सितंबर। रविवार देर शाम से शुरू हुए तेज बारिश से जिले के बांध-बैराज फिर से छलक गए हैं। बड़े बैराजों के अलावा मध्यम बैराज भी लबालब हो गए हैं। रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात मूसलाधार बारिश से कहीं-कहीं बाढ़ के हालात हैं। शिवनाथ एवं सहायक नदियों की धार तेज हुई है। भादो के महीने में एक तरह से झड़ी लग गई है। इस साल डेढ़ गुना अधिक बारिश होने से खेतों और तालाब पानी में डूबे हुए हैं। देहात इलाकों में निस्तारी की समस्या तालाबों के भरने से दूर हो गई है। तेज बारिश के साथ कड़ाके की बिजली से लोग सिहर उठे। रातभर बादल बरसते रहे। जिसके चलते नदी-नाले उफान की ओर बढ़ रहे हैं। इस बीच जिले के सबसे बड़े बैराज मोंगरा से लगभग 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
एक जानकारी के मुताबिक सालों बाद भादो के महीने में बैराज से पानी छोड़ा गया है। आषाढ़ और सावन के महीने में ही पानी बैराजों से छोड़ा जाता था। इस साल प्रदेश में मानसून ने काफी मेहरबानी दिखाई है। उम्मीद से अधिक बरसात होने के कारण बैराजों के गेट को बंद नहीं किया गया है।
मोंगरा के अलावा सूखानाला और घुमरिया बैराज से भी दो-दो हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस बीच खैरागढ़ जिले के प्रधानपाठ बैराज से भी 50 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बैराज ने क्षमता के अनुरूप 8 मीटर पानी भरा हुआ है।