बेमेतरा

ओलावृष्टि, क्षतिपूर्ति के लिए 9 माह से भटक रहे सैकड़ों किसान
23-Sep-2022 4:01 PM
ओलावृष्टि, क्षतिपूर्ति के लिए 9 माह से भटक रहे सैकड़ों किसान

प्राकृतिक आपदा में 2 हजार एकड़ से अधिक चना और गेहूं की फसल हुई थी खराब

आशीष मिश्रा

बेमेतरा, 23 सितंबर  (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)।   नवागढ़ विधानसभा के ग्राम पेंड्रीतराई में बीते साल 28 नवंबर को हुई ओलावृष्टि से फसलों को पहुंची क्षति का मुआवजा आज तक किसानों को नहीं मिला है। आलम यह है कि 9 माह से क्षतिपूर्ति के लिए सैकड़ों किसानों को संबंधित कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। गांव के किसानों ने हल्का पटवारी पर कार्य में कोताही बरतने के आरोप लगाए हैं।

किसानों ने बताया कि 28 नवंबर 2021 को क्षेत्र में ओलावृष्टि होने के कारण करीब 2000 एकड़ से अधिक चना और गेहूं की फसल को भारी क्षति हुई थी। गांव के किसानों की ओर से 29 नवंबर को इसकी शिकायत कृषि व रेवेन्यू विभाग में की गई थी। शिकायत के सप्ताह भर के बाद कृषि व रेवेन्यू विभाग के अधिकारी गांव पहुंचकर फसलों का मुआयना कर नुकसान का जायजा लिया था।

क्षति के सर्वे की रिपोर्ट तहसीलदार को नहीं सौंपी गई
ज्ञात हो कि हल्का पटवारी गोपेश्वर मांडले को क्षति का आंकलन कर तहसीलदार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे, जिसमें आरबीसी 6-4 के तहत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी। पटवारी के द्वारा गांव पहुंचकर फसलों के हुए नुकसान का मुआयना किया गया। बावजूद अब तक क्षति के सर्वे की रिपोर्ट तहसीलदार को नहीं सौंपी गई है, नतीजतन गांव के किसानों को ओलावृष्टि से हुई क्षति का मुआवजा नहीं मिल पाया है।

अधिकारियों से नहीं मिल रहा संतोषजनक जवाब, कार्यालयों के चक्कर काट रहे किसान
कृषक पुरुषोत्तम साहू ने बताया कि कार्यालयों के चक्कर लगाने के बावजूद किसानों को अधिकारियों से संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा था, इसके बाद मई 2022 में कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर किसानों को शीघ्र क्षतिपूर्ति दिए जाने की मांग की गई। बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर 8 अगस्त को सैकड़ों किसान कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मुआवजा दिलाने की मांग की थी, जिस पर कलेक्टर ने सप्ताह भर में निराकरण का आश्वासन दिया था, लेकिन 15 दिनों बाद भी शिकायत का निराकरण नहीं होने पर किसान फिर से कलेक्टर कार्यालय में शिकायत के लिए पहुंचे।

अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे किसान
इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी गोल-मोल जवाब दे रहे हैं। जिला प्रशासन के इस रवैया से किसानों में खासी नाराजगी है। किसानों के अनुसार प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों के हितेषी हैं लेकिन स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। करीब 9 माह बाद भी किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए भटकना पड़ रहा है, अभी भी अधिकारी क्षतिपूर्ति मिलने को लेकर ठोस आश्वासन देने की स्थिति नहीं है। किसानों ने बताया कि तहसीलदार ने 2 दिन का समय मांगा है, पटवारी से 2 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा गया है और रिपोर्ट देखने के बाद ही मुआवजा मिलने के सम्बंध में बता पाएंगे।

गांव के सैकड़ों किसानों की फसल को पहुंची थी क्षति
ग्राम पेंड्रीतराई में कृषक खिलेश्वर, पुरुषोत्तम, देवदत्त, खिलावन राम, संतोष, रोहित, विष्णु सिन्हा, रमेश कुमार, उत्तम साहू, रामकुमार, भागवत, ईश्वर, मनोज, रघुवीर, राजूराम, भारत राम, रामनाथ, प्रमोद साहू, जनक राम साहू, अशोक साहू, महेश, मंगल साहू, सरजू साहू, दुलारी साहू समेत सैकड़ों किसान ओलावृष्टि से प्रभावित हुए थे। किसानों की ओर से हर स्तर पर शिकायत करने के बावजूद मुआवजा नहीं मिल रहा है। अधिकारी लापरवाही के लिए जिम्मेदार को संरक्षण दे रहे हैं।

तहसीलदार को रिपोर्ट सौंप दी है , आंकलन के निर्देश नहीं मिले हैं
इस पर हल्का पटवारी गोपेश्वर मांडले ने कहा कि तहसीलदार को अनावरी रिपोर्ट सौंप दी गई है, अब तक क्षति के आंकलन के निर्देश नहीं मिले हैं, निर्देश मिलने पर आंकलन किया जाएगा। नायब तहसीलदार जयेश कंवर ने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। पटवारी ने अनावरी रिपोर्ट सौंप दी है। हल्का पटवारी को क्षति के आकलन के निर्देश दिए गए हैं।

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