बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा 17 जनवरी। जिला मुख्यालय में सोमवार को तहसील कार्यालय के सामने समस्त शासकीय विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारी सोमवार से 5 दिवसीय हड़ताल शुरू करते हुए धरने पर बैठ गए हैं। संगठन द्वारा नियमितिकरण की मांग को लेकर हड़ताल के प्रथम दिवस कर्मचारी कोल्हू का बैल बनकर या चित्र के माध्यम से प्रदर्शन किया।
धरना स्थल पर उपस्थितों को संबोधित करते हुए महासंघ के जिला संयोजक पूरन दास ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार बनने के चार साल बाद भी 2018 के चुनावी जन घोषणा पत्र में किए नियमितिकरण के वादे और हमारी मांगे पूरी नहीं की है, जबकि मात्र 1 वर्ष का कम समय सरकार के पास शेष है। महासंघ के जिला महिला कार्यकारी अध्यक्ष यामिनी खुटेल, जिला संगठक दिनेश गंगबेर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं 14 फरवरी 2019 को अनियमित कर्मचारियों के मंच में आकर बोले थे। इस साल किसान का किए है अगले साल अनियमित कर्मचारियों की मांग पूरा करेंगे, लेकिन वो साल अभी तक नहीं आया है और तो और संविदा कर्मचारियों के मानदेय में भी 4 साल से वृद्धि नहीं हुआ है। इस कारण प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।
महासचिव ब्रिजेश दुबे, डॉ. सोनल ठाकुर ने कहा कि दीगर राज्यों में संविदा कर्मचारियों के भविष्य को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिए जा रहे हैं। 26 जनवरी को संविदा कर्मचारियों के बारे में यदि सरकार उचित निर्णय नहीं लेती है तो 30 जनवरी से 54 विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन में जायेंगे। महासंघ के प्रवक्ता मनीष शर्मा ने बताया कि नियमितिकरण की मांग को लेकर 28 जिले के 40 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए है।
आपके नजर में हम कोल्हू के बैल हैं
शासन हमसे कोल्हू का बैल जैसे कार्य करवा रहा है। चाहे वह कोरोना काल हो या कोई भी इमरजेंसी सेवा हो संविदा कर्मचारियों को कम वेतन में कार्य करते हैं। न ही कोई बीमा है न कोई पेंशन हैं। इनका कहना है कि न तो 62 वर्ष की नौकरी की सुरक्षा, न ही सही ढंग से वेतन, न ही अनुकम्पा नियुक्ति, और न ही अन्य शासकीय सेवक है।