बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 16 मार्च। जिले के सरकारी स्कूलों में 34 सौ से अधिक शैक्षिक व गैर शैक्षिक पदों पर कार्यरतों की कमी है। जिले में 150 स्कूलों मेें प्राचार्य का पद रिक्त है। संस्था प्रमुख के आलावा व्याख्याता, प्रधान पाठक, शिक्षक, सहायक शिक्षक, लेखापाल, सहायक ग्रेड दो व तीन के पद रिक्त है। पदों की कमी से स्कूलों का संचालन में दिक्कतें आ रही है। जानकारी के अनुसार जिले में 743 प्राथमिक, 387 पूर्व माध्यमिक, 81 हाई और 95 हायर सेकेन्डरी समेत 1296 सरकारी स्कूल संचालित है।
जिले के सरकारी स्कूलों में 80504 बालक एंव 87185 बालिका समेत 167689 विद्यार्थी अध्ययनरत है जिले के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या व सेटअप के अनुसार शिक्षकों की संख्या कम है। शिक्षकों की कमी का व्यापक असर स्कूलों के बेहतर संचालन के लिए बाधक साबित हो रहा है।
166 स्वीकृत पद में से 16 स्कूलों में ही प्राचार्य
बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लाक के हाईस्कूल व हायर सेकेन्डरी स्कूलों के सेटअप अनुसार प्राचार्य के 166 पद रिक्त है जिसमें से केवल 16 स्कूलों में ही पूर्णकालिक प्राचार्य सेवा दे रहे हैं। शेष में व्याख्याताओं के भरोसे स्कूल चल रहा है। जहां पदस्थ प्रभारी द्वारा कार्यालयीन व शैक्षिक दोनों कार्यों की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। संस्था प्रमुख का एक अन्य पद याने प्राथमिक व मीडिल स्कूलों में प्रधानपाठक के स्वीकृत किये गये पदों में पर्याप्त कार्यरतों की कमी है याने मिडिल स्कूल के लिए स्वीकृत 384 पद में 289 पूर्णकालीक प्रधान पाठक है जिसके बाद शेष बचे 95 पद रिक्त है जो इन दिनो प्रभारी के भरोसे चल रहा है। वहीं प्राथमिक स्कूलो के लिए स्वीकृत किये गये 743 स्कूलों में से 695 स्कूलों में पूर्णकालिक प्रधानपाठक पदस्थ है वहीं 48 प्रधानपाठक के पद रिक्त है।
व्याख्याता, शिक्षकों व सहायक शिक्षकों के थोक में रिक्त हैं पद
सरकारी स्कूलों में पदों पर कार्यरतों की कमी के मामले में व्याख्याता, शिक्षकों व सहायक शिक्षकों का पद थोक में रिक्त है। इन तीनों पद पर 2350 कार्यरतों की कमी है। जिसमें व्याख्याता 2006 स्वीकृत पदों में से 1465 पर पदस्थ है वहीं 541 पद रिक्त है । इसी तरह शिक्षक के 1811 पदो में से 1190 पदों पर कार्यरत है वहीं 621 पद रिक्त है। इसके अलावा सहायक शिक्षकों के लिए जिले में सेटअप के अनुसार 2858 पद स्वीकृत किये गये है, जिसमें सें 1676 शिक्षक कार्यरत है जिसके बाद शेष बचे शिक्षकों के 1182 पद रिक्त है।
शिक्षकों को करना पड़ता है बाबू का काम
जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई के लिए जरूरी पदों की कमी होने के आलावा कार्यालयीन कामकाज के लिए जरूरी सहायक ग्रेड दो व सहायक ग्रेड तीन व भृत्य के सैकड़ों पद रिक्त है। कई स्कूलों में आलम ये हैं कि एक बाबू के पास दो-चार स्कूलों का प्रभार है तो अनेक शिक्षकों को अघोषित तौर पर बाबूगिरी की भी जिम्मेदारी सौंपा गया है यानि शिक्षकों को दस्तावेजी काम भी करना पड़ता है। जिले में सहायक ग्रेड-दो के स्वीकृत 124 पदों में से 90 पर कार्यरत पदस्थ है, वहीं 34 रिक्त है।
सहायक ग्रेड-3 के स्वीकृत 223 पद में से आधे से कम याने 107 पदों पर ही कार्यरत है बचत 116 पद रिक्त है। जिले में भृत्य के 786 पद स्वीकृत है जिसमें से केवल 92 पर ही सेवारत है शेष 694 पर पद रिक्त जिसका काम अस्थायी कर्मचारियों के भरोसे चलाया जा रहा है। बहरहाल बीते दिनों जारी किये गये सर्वे रिपोर्ट के अनुसार जिले के बच्चों का विषय वार शैक्षिक स्तर कम होना पाया था। वहीं बोर्ड परीक्षाओं में भी जिले का प्रदर्शन कमजोर रहा है। जिले के स्कूलों में लंबे अर्से से शिक्षकों के रिक्त पदों का व्यापक असर जिले के शैक्षिक गतिविधियों पर पडऩे की बात जानकार करने लगे हैं। इस कमी को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था पर ध्यान दिये जाने की दरकार है।
पद पूर्ति का भेजा गया प्रस्ताव
जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा ने बताया कि शासन को पद पूर्ति का प्रस्ताव भेजा गया है। अनेक पदों पर भर्ती की प्रकिया शासन स्तर से जारी है। पदो की कमी है पर पढ़ाई प्रभावित नहीं हो रहा है।